लोकसभा और राज्यसभा में मणिपुर हिंसा पर तनाव,दूसरे दिन भी संसद ठप

संसद के मानसून सत्र में दूसरे दिन शुक्रवार को भी मणिपुर हिंसा की प्रतिध्वनि सुनाई दी। विपक्ष ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान की मांग पर भड़कते हुए प्रदर्शन किया, जबकि सरकार ने चर्चा करने की पेशकश की। दोनों सदन में तनाव बढ़ा।लोकसभा के प्रारंभिक कार्यवाही में, मणिपुर हिंसा के मामले में कांग्रेस, द्रमुक और वाम दल के सदस्यों ने उच्च स्वर में विरोध प्रदर्शन किया। कुछ सदस्यों ने हाथों में तालियाँ बजाई जिसमें लिखा था, ‘इंडिया चाहता है कि प्रधानमंत्री सदन में आएं।’

लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिरला ने विपक्षी सदस्यों से कहा कि नारे लगाने से समस्या का समाधान नहीं होगा। उन्होंने रक्षा मंत्री से इस मामले पर विचार करने को कहा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, ‘मणिपुर की घटना निश्चित रूप से बहुत गंभीर है और प्रधानमंत्री जी ने दोषियों के खिलाफ कठोर से कठोर कार्रवाई के लिए कहा है। हम इस मुद्दे पर सदन में चर्चा करना चाहते हैं, लेकिन यहां कुछ ऐसे राजनीतिक दल हैं जो इसे खड़ा करना चाहते हैं कि मणिपुर की घटना पर सदन में चर्चा न हो।’

राज्यसभा में मणिपुर हिंसा और दिल्ली के सेवा मामले पर अध्यादेश के मामले में आप सदस्य संजय सिंह और भारत राष्ट्र समिति के के. केशव राव ने कहा कि मामला अदालत के विचाराधीन है और इस पर चर्चा नहीं हो सकती। सभापति ने कहा कि इस सदन को किसी भी मुद्दे पर चर्चा का अधिकार है। इसी बीच, मणिपुर हिंसा के मामले पर उच्च स्तर की चर्चा के बाद सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई।

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