“रूस के वैगनर ग्रुप कर रहा तख्तापलट करने की कोशिश: विद्रोह के बीच मचा रहा हाहाकार”

रूस में हालात इस समय बेहद खराब हैं। देश की प्राइवेट आर्मी के तौर पर मशहूर वैगनर ग्रुप ने विद्रोह कर दिया है। राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कसम खाई है कि पीठ में छुरा भोंकने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। संगठन के मुखिया येवेगनी प्रिगोझिन ने कहा है कि वह अपना बदला लेकर रहेंगे। वैगनर प्रमुख की देश को चेतावनी के बाद रूसी अधिकारियों ने कई क्षेत्रों में सुरक्षा उपाय कड़े कर दिए हैं। जानिए क्‍या है यह वैगनर ग्रुप जिसने पुतिन के सामने उनके जीवन की सबसे मुश्किल घड़ी पैदा कर दी है। बखमुत पर किया कब्‍जा वैगनर ग्रुप को आधिकारिक तौर पर पीएमसी वैगनर कहा जाता है। यह एक रूसी अर्धसैनिक संगठन है जिसपर देश का कोई भी कानून लागू नहीं होता है।

यह दरअसल एक प्राइवेट मिलिट्री कंपनी और भाड़े के सैनिकों का एक नेटवर्क है। समूह की पहचान पहली बार साल 2014 में पूर्वी यूक्रेन में संघर्ष के दौरान की गई थी। उस समय यह एक सीक्रेट संगठन था जो ज्यादातर अफ्रीका और मध्य पूर्व में काम कर रहा था। बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार यह संगठन यूक्रेन अभियान का एक अहम हिस्‍सा बन गया है। पूर्वी यूक्रेन में स्थित बखमुत शहर पर रूस के कब्‍जे में भी वैगनर ग्रुप को ही श्रेय दिया जाता है।कई मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस समूह में रूस की विशिष्ट रेजीमेंट्स और विशेष बलों के करीब 5,000 लड़ाके हैं।

जनवरी में, यूके के रक्षा मंत्रालय ने बताया कि वैगनर समूह में अब यूक्रेन में 50,000 लड़ाके शामिल हैं। प्रिगोझिन की अगुवाई वाले वैगनर का नाम उसके पहले कमांडर, दिमित्री उत्किन के नाम पर पड़ा। वह रूस की सेना के विशेष बलों के सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट कर्नल थे। वैगनर उनका निकनेम था। जल्‍द ही वैगनर ने क्रूर और बेरहम संगठन के तौर पर अपनी इमेज कायम कर ली। पश्चिमी देशों और संयुक्त राष्‍ट्र (यूएन) के विशेषज्ञों ने वैगनर के सैनिकों पर मध्य अफ्रीकी गणराज्य, लीबिया और माली सहित पूरे अफ्रीका में मानवाधिकारों के उल्लंघन का आरोप लगाया है।

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