ब्रेक-अप होने पर रेप केस करवा देती हैं महिलाएं : हाईकोर्ट

नई दिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा है कि जब कोई संबंध टूटता है तब महिलाएं आपसी सहमति से बनाए गए शारीरिक संबंध को रेप की घटना करार दे देती हैं. हाईकोर्ट ने रेप के एक मामले में सरकारी अधिकारी को बरी किए जाने के निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखते हुए यह बात कही.

जस्टिस प्रतिभा रानी ने इस मामले में 29 वर्षीय महिला की अपील खारिज करते हुए यह टिप्पणी की. महिला ने हाल ही में अपने पति के खिलाफ घरेलू हिंसा का एक मामला दायर किया था.

महिला ने अपने पति के खिलाफ विवाह से पूर्व किए गए रेप केस में मुकदमा चलाए जाने की मांग की थी. हालांकि, रेप केस दायर करने के बाद महिला और उसके पति ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था और एफआईआर खारिज कराने की मांग की थी. उन्होंने कोर्ट को बताया था कि वे विवाह करना चाहते हैं.

सुप्रीम कोर्ट ने दोनों की अपील खारिज कर दी थी और कहा था कि वे कोर्ट में जारी प्रक्रिया का पालन करे, लेकिन निचली अदालत में महिला ने अपने पति पर किसी तरह का आपराधिक बयान नहीं दर्ज कराया था.

जिसके बाद निचली अदालत ने उसके पति को बरी कर दिया था. दोनों ने 2015 में विवाह कर ली थी. अब महिला ने निचली अदालत के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी है.

हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा, ‘इस अदालत ने कई मामलों में कहा है कि दो लोग अपनी इच्छा और पसंद से शारीरिक संबंध बनाते हैं और जब किसी कारण से संबंध टूट जाता है तब महिलाएं निजी बदला के औजार के तौर पर कानून का इस्तेमाल करती हैं.’