शरद यादव के हाथ में है नितीश का फ्यूचर, मनाने में जुटे अरुण जेटली

पटना: बिहार विधान सभा में शुक्रवार को नीतीश कुमार अपना बहुमत साबित करेंगे. इस बीच बीजेपी की तरफ से पुरानी दोस्ती का हवाला देकर अरुण जेटली शरद यादव को मनाने में जुटे हैं. हालात ये हैं कि नितीश की गर्दन इस्तीफा देने के बाद फंस गई है. जदयू में अंदरूनी गुस्से के कारण नितीश के लिए विधायकों की संख्या जुटाना भी मुश्किल हो रहाहै . चूंकि नितीश ने शरद यादव को भी अंधेरे में रखा था इसलिए वो खुद शरद यादव से मदद मांगने की हालत में नहीं हैं.

 

मीडिया रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि बहुमत परीक्षण में सबसे अहम रोल शरद यादव का है. अगर शरद यादव एक इशारा कर दें तो नितीश अगले ही दिन सडक पर आ सकते हैं.

 

बिहार में कुल 243 विधान सभा सीटें हैं. लालू यादव की राजद के पास 80, जदयू के पास 71, एनडीए (बीजेपी और उसके साझेदार) के पास 58 और कांग्रेस के पास 27 सीटें हैं. अन्य सात सीटें भाकपा(माले) और निर्दलियों के पास हैं.

 

बहुमत के लिए 122 का विधायकों का समर्थन चाहिए. एनडीए और जदयू के सांसदों को मिलाकर आंकड़ा 129 हो जाता है. नीतीश ने 132 विधायकों के समर्थन का दावा किया है. लेकिन तेजस्वी यादव ने दावा किया है कि जदयू के 24 विधायक उनके संपर्क में हैं. जदयू में 11 यादव और पांच मुस्लिम विधायक हैं जिनके ऊपर राजद से हाथ मिलाने का संदेह जताया जा रहा है.

 

इनके अलावा जदयू के ऐसे विधायक जो शरद यादव के करीबी हैं उनको लेकर भी ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है. जदयू सांसद अली अनवर ने खुलकर नीतीश के फैसले का विरोध किया. पार्टी के राज्य सभा सांसद बिरेंद्र कुमार भी राष्ट्रपति चुनाव के समय नीतीश के रामनाथ कोविंद को समर्थन देने के फैसले का विरोध कर चुके हैं.