बैंकों ज़रिए हो रही है टेरर फंडिंग, कई अफसर एनआईए के निशाने पर

नई दिल्ली : आप मानें या न मानें लेकिन देश के बैंकों का पैसा आतंकवादियों के काम आ रहा है. बैंकों में जमा जनता का पैसा आतंकवादियों को दिया जा रहा है. पाकिस्तान और आतंकी संगठनों के जरिए गैर कानूनी तरीकों से हुई फंडिंग की जांच कर रही एनआईए ने अब कुछ निजी बैंक अधिकारियों को भी अपने रडार पर ले लिया है. दिल्ली में एनआईए से जुड़े सूत्रों के अनुसार राष्ट्रीय जांच एजेंसी अब इस मामले में देश और कुछ विदेशी बैंकों से जुड़े अधिकारियों से पूछताछ करने की तैयारियां कर रही है.

सूत्रों के अनुसार आतंकी संगठन के जरिए फंडिंग के लिए प्राइवेट फर्मों के नामों से कई एकाउंटों के खोले जाने का शक जताया जा रहा है. इस मामले में कुछ निजी बैंकों के अधिकारियों के शामिल होने की बात भी सामने आ रही है. हालांकि अभी एजेंसियों की ओर से आधिकारिक रूप से इस बात पर कोई बयान या पुष्टि नहीं की गई है.

वहीं टेरर फंडिंग मामले की जांच कर रही एनआईए की टीम लगातार अलगाववादियों और उनके करीबियों के ठिकानों से मिले साजिश के सबूतों को खंगालने में जुटी हुई है. इस क्रम में पिछले दिनों कश्मीर से गिरफ्तार किए गए व्यवसायी जहूर वटाली और कई अन्य से पूछताछ हुई है.

साजिश के सबूतों में 100 से ज्यादा पेन ड्राइव्स और हार्ड ड्राइव्स की जांच की जा रही है. इसके लिए बकायदा डिजिटल एक्सपर्ट्स की एक टीम को लगाया गया है. सूत्रों के मुताबिक अलगाववादियों के करीबियों के पास से मिली इन पेन ड्राइव्स में ही विदेशों में करोड़ों रुपए की संपत्ति की जानकारी मिली है.

अलगाववादियों को टेरर फंडिंग मामले में जारी जांच के क्रम में साजिश के राज परत दर परत खुलने लगे हैं. एजेंसियों की टीमों द्वारा अब पाकिस्तान और अरब देशों के उस कनेक्शन की पड़ताल की जाने लगी है जिसके जरिए पैसों के लेनदेन के हवाला नेटवर्क का संचालन किया जा रहा था.