चीन के नाजायज दबाव का इस छोटे से देश ने दिया करारा जवाब, धऱी रह गई हेकड़ी

नई दिल्ली : खुद को सुपर पॉवर समझ रहे चीन को साढ़े बाईस लाख आबादी वाले  बोट्सवाना ने आँख दिखा दी है. बोट्सवाना बोट्सवाना के राष्ट्रपति इयान खामा ने दो टूक कहा है कि उनका देश चीन का गुलाम नहीं है. हीरों की खानों के लिए मशहूर बोट्सवाना चीन की बार-बार की धौंस से परेशान हो चुका था. आखिर इयान खामा ने कूटनीतिक बातचीत के दौरान ने कहा कि हम चीन की धमकियों से डरते नहीं हैं, और बोट्सवाना चीन की कॉलोनी नहीं है. ये संयोग ही है कि बोट्सवाना की आबादी साढ़े बाईस लाख है तो इतनी ही चीन की आर्मी भी है. यानी जितनी जनसंख्या बोट्सवाना की है उनती तो चीन के पास आर्मी है. 2010 में बोत्सवाना भारत के साथ संयुक्त सैन्य अभ्यास भी कर चुका है.

दरअसल आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा के प्रस्तावित बोट्सवाना दौरे के लेकर चीन राजनीतिक और कूटनीतिक परिणाम भुगतने की धमकी दे रहा था. दलाई लामा 17-19 अगस्त तक बोट्सवाना की राजधानी गेबोरोनी के दौरे पर जाने वाले थे. दलाई लामा का ये दौरा निजी बताया गया, इसके बावजूद चीन इस दौरे का विरोध कर रहा था.

हालांकि दलाई लामा का ये दौरा बाद में रद्द हो गया, जिसके बाद चीन ने कहा है कि उसके बोट्सवाना के साथ संबंध बेहतर तरीके से आगे बढ़ते रहेंगे. वह बोट्सवाना के साथ अपने संबंधों को अधिक महत्व देता है. दलाई लामा ने थकावट की वजह से बोट्सवाना का दौरा रद्द किया.

आंतरिक मामलों में चीन के दखल को देख इयान खामा चिढ़ गए और उन्होंने कहा कि उनका देश चीन का गुलाम नहीं है. बोट्सवाना गार्जियन को दिये इंटरव्यू में राष्ट्रपति इयान खामा ने कहा कि उन्होंने तरह-तरह की धमकियां दी, चीन अपना राजदूत वापस बुला लेगा, दोनों देश के बीच रिश्ते खराब हो जाएंगे, चीन दूसरे अफ्रीकी देशों की मदद से बोट्सवाना को अलग-थलग कर देगा. दलाई लामा पर खामा ने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि उनकी सेहत जल्द ठीक होगी और फिर उनका बोट्सवाना में स्वागत है, वे यहां आएं और घूमें.

भारत से भी भिड़ा चीन

दलाई लामा को लेकर चीन पहले भारत के साथ भी विवाद बढ़ा चुका है. इस साल अप्रैल के महीन में चीन के विरोध के बावजूद दलाई लामा अरुणाचल प्रदेश पहुंचे. दलाई लामा के दौरे पर गृह राज्यमंत्री किरण रिजिजू ने चीन को नसीहत दी. रिजिजू ने चीन को दो टूक अंदाज में कहा कि वो भारत के आंतरिक मामलों में दखल न दे.