गुस्से में ट्रंप ने अमेरिका पर ही कर दिए हमले, कोर्ट में ट्रंप पर 97 अटैक

वाशिंगटन: जब से डॉनल्ड ट्रंप राष्ट्रपति चुने गए हैं तबसे अमेरिका में राजनीतिक घमासान मचा हुआ है. ट्रंप पर एक के बाद एक हमले हो रहे हैं और ट्रंप भी बराबरी से एक के बाद एक गोले चला रहे हैं. इस सिलसिले में आज दो बड़े घटनाक्रम हुए हैं. पहला 7 मुस्लिम बाहुल्य देशों के लोगो के प्रवेश पर अमिरका में रोक का है. विश्व की टॉप 97 अमेरिकन कंपनियों ने इस फैसले को अदालत में चुनौती दी है. जिन कंपनियों ने अदालत का दरवाजा खटखटाया है उनमें माइक्रोसॉफ्ट, ऐपल और गूगल समेत सिलिकॉन वैली की करीब 97 कंपनियां हैं. इन कंपनियों ने ट्रंप के फैसले को कानून और संविधान का ‘उल्लंघन’ बताया है.
अदालत में रविवार को दाखिल किए गए दस्तावेज के अनुसार ‘अमेरिका में प्रवेश करने के नियमों में अचानक किए गए बदलाव से अमेरिकी कंपनियों को बहुत नुकसान पहुंचा है.’ इस दस्तावेज का समर्थन ट्विटर, नेटफ्लिक्स और ऊबर ने भी किया है. सीएनएन मनी की खबर के अनुसार यह दस्तावेज रविवार को नाइंथ सर्किट कोर्ट ऑफ अपील्स में दाखिल किया गया.
इस बीच अदालत ने अमेरिकी सरकार द्वारा यात्रा प्रतिबंधों को फिर से लागू करने की याचिका के पक्ष में फैसला देने से इनकार कर दिया है. कंपनियों के इस प्रस्ताव के पक्ष में फेसबुक, ईबे और इंटल के साथ-साथ गैर तकनीकी कंपनी लेवी स्ट्रॉस और चोबानी भी शामिल हैं.
दूसरा घटनाक्रम अमेरिकी मीडिया और ट्रंप के आमने सामने आ जाने का है. फॉक्स न्यूज के एंकर ने पुतिन को हत्यारा बताया . रूस ने बाद में माफी मांगने को कहा लेकिन ट्रंप पहले ही हथ्थे से उखड़ गए. उन्होंने कहा कि अमेरिका ने कितनी हत्याएं की हैं पहले ये देखिए. पने रूसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन का पक्ष लेते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि दुनिया में अमेरिका की गलतियों से भी तमाम लोग मारे गए हैं. इराक युद्ध उनमें से एक है. वह शुरू से इस युद्ध के विरोध में थे. ट्रंप ने यह बात टीवी चैनल फॉक्स न्यूज के साथ साक्षात्कार में उस सवाल के जवाब में कही जिसमें पुतिन को हत्यारा कहा गया था. इस बीच रूसी राष्ट्रपति के कार्यालय क्रेमलिन ने फॉक्स न्यूज के एंकर के आरोप को अपमानजनक और अस्वीकार्य बताते हुए बिना शर्त माफी मांगने के लिए कहा है.
ट्रंप ने कहा कि किसी एक मामले में किसी को जिम्मेदार ठहरा देना उचित नहीं है. हमें यह भी देखना चाहिए कि हमने क्या किया ? अगर हम अमेरिकी परिदृश्य में देखें तो हमें भी अपने चारों ओर बहुत से हत्यारे दिखाई देंगे. राष्ट्रपति ने एंकर से पूछा, क्या हमारा देश निर्दोष है ? ट्रंप ने कहा कि वह आतंकी संगठन आइएस के सफाए के लिए रूस के साथ मिलकर काम करेंगे. उन्होंने कहा कि वह व्लादिमीर पुतिन का सम्मान करते हैं लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि वह उनके बताए रास्ते पर चलेंगे.
यह वैसा ही है जैसा कि मैं बहुत से लोगों का सम्मान करता हूं लेकिन उनके बताए रास्ते पर नहीं चलता. वह अपने देश के नेता हैं, उन्हें रूस के हित में कार्य करना चाहिए. अगर आइएस से लड़ाई में रूस हमारी सहायता करता है तो यह अच्छी बात होगी. यह दुनिया में इस्लामिक आतंकवाद के खिलाफ महत्वपूर्ण लड़ाई है. एक सवाल के जवाब में ट्रंप ने कहा कि वह और पुतिन किन मुद्दों पर साथ आएंगे, फिलहाल उन्हें नहीं मालूम.
ट्रंप के इस बयान पर अमेरिकी सीनेट के विदेश मामलों की समिति के सदस्य बेन कार्डिन ने कहा है कि नए अमेरिकी राष्ट्रपति ने साफ कर दिया है कि वह किसी मामले में अपने देश को अपवाद नहीं रखना चाहते.