राजीव के वक्त भारत की सुरक्षा के सामने फेल थी सीआईए, राजीव ने की थी हाईड्रोजन बम की तैयारी, गुप्त रिपोर्ट

नई दिल्ली: राजीव गांधी के समय में भारत के दस्तावेज़ों की सुरक्षा इनती कड़ी थी कि अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए भी उसे नहीं भेद पा रही थी. सीआईए भारत के परमाणु कार्यक्रम के बारे में लगातार जानकारियां निकालने की कोशिश में थी लेकिन वो ये काम कर नहीं पाई.
अमेरिकी ख़ुफ़िया एजेंसी CIA के हाल ही में सार्वजनिक किए दस्तावेजों में ये तथ्य सामने आया है. सीआईए ने लिखा है कि राजीव गांधी सरकार के दौरान साल 1985 में भारत ने पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए हाइड्रोजन बम का परीक्षण करने की तैयारियां पूरी कर ली थीं.
CIA के के इन दस्तावेजों से पता चलता है कि ये हाइड्रोजन बम साल 1974 में टेस्ट किए गए परमाणु बम से भी कई गुना ज्यादा शक्तिशाली था.

एक अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक CIA ने हाल ही में लगभग 9,30,000 गोपनीय दस्तावेजों को अपनी वेबसाइट पर सार्वजनिक कर दिया है. इन दस्तावेजों के मुताबिक अमेरिका भी उस समय भारत-पाकिस्तान के बीच जारी परमाणु हथियारों की होड़ से चिंतित था.
इतना ही नहीं इस तनाव को कम करने के लिए अमेरिका की रोनल्ड रीगन सरकार दोनों देशों के बीच मध्यस्थता करने और तनाव समाप्त करने में मदद के लिए एक दूत भी भेजना चाहती थी.
गौरतलब है कि इन दस्तावेजों में भारत के परमाणु कार्यक्रम से जुड़ी कई अहम् जानकारियां हैं.
एक दस्तावेज में CIA ने कहा है कि उसे भारतीय सुरक्षा बहुत कड़ी होने के कारण भारत के परमाणु कार्यक्रम के बारे में विवरण हासिल करने में मुश्किलों का सामना करना पड़ा था.
हालांकि, राजीव गांधी सरकार ने हाइड्रोजन बम का परीक्षण नहीं किया. 1998 में अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने परमाणु बम का परीक्षण किया था.
पाकिस्तान ने भी इसके बाद ऐसे परीक्षण किए थे. CIA ने कहा है कि उसे 1971 में भारत और पाकिस्तान के बीच लड़ाई से पहले की गोपनीय जानकारी नहीं मिल सकी थी.