एक बटन से वो अमेरिका को बना सकता है श्मशान, सीरिया की तबाही से ज्यादा खतरनाक


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नई दिल्ली : क्या आप जानते है कि एक देश ऐसा है जिसके एक बटन की जद में पूरे अमेरिका की तबाही है. ये देश पूरे अमेरिका को उससे भी ज्यादा तबाह तस्वीरों में बदल देने का माद्दा रखता है जो आपने हाल ही में सीरिया में देखीं. वो तस्वीरें उससे कुछ ज्यादा खोफनाक होंगी. अब तक अमेरिका के पास ये ताकत थी कि वो दुनिया को तबाह करे लेकिन वो इतना असुरक्षित कभी नहीं था.

इस देश की एजेंसी ने  ‘नेता ने गर्व जताते हुए कहा कि इस परीक्षण से अमेरिका का समस्त मुख्य भूभाग हमारे परमाणु हथियारों की जद में आ गया है.’ हथियार विशेषज्ञों का कहना है कि शुक्रवार की मिसाइल की ऊंचाई और उड़ान के समय से यह संकेत मिलता है यह उस मिसाइल से ज्यादा शक्तिशाली है जिसका चार जुलाई को परीक्षण किया गया था.

यह मिसाइल 10,000 किलोमीटर की दूरी तय कर सकती है जिसका मतलब है कि यह न्यूयॉर्क जैसे पूर्वी तट पर बसे अमेरिकी शहरों तक पहुंच सकती है. ये देश कोई और नहीं बल्कि किम जोंग का कोरिया है. किम जोंग की इसी खूबी के कारण अमेरिका उससे नफरत करता है और पूरा पश्चिमी मीडिया उसे तानाशाह बताता है. उसकी सनक के तरह तरह के किस्से पूरी दुनिया में दिखाए जाते हैं.

अमेरिका के परमाणु हथियारों की जद मे आ जाने का दावा दूसरे आईसीबीएम परीक्षण के बाद दावा किया कि यह मिसाइल अमेरिका के किसी भी हिस्से में मार करने में सक्षम है. हथियार विशेषज्ञों ने शनिवार को कहा कि इसकी जद में न्यूयॉर्क भी आ सकता है जो राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लिए एक चुनौती है.

किम के नेतृत्व में उत्तर कोरिया ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय की निंदा से बेपरवाह और संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों की अवहेलना करते हुए परमाणु हमला करने की क्षमता को बढ़ाया है. आधिकारिक कोरियन सेन्ट्रल न्यूज एजेंसी (केसीएनए) के अनुसार, किम ने कहा, ‘इस परीक्षण का मतलब अमेरिका को गंभीर चेतावनी देना’ और ‘किसी भी स्थान और समय’ पर मिसाइल छोड़ने की उत्तर कोरियाई की क्षमता को दिखाना है.

इस परीक्षण के बाद जापान और अमेरिका तनाव में हैं और दोनों देश मिलकर उसे दबाव में लेने की कोशिश कर रहे हैं. जापान की तरफ से अमेरिका के विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन से टेलीफोन पर बात की गई . आनन फानन में दोनों देश तथा वह उत्तर कोरिया पर ‘संभावित सबसे भारी दबाव’ पैदा करने की जरुरत पर सहमत हो गये. जापान के किशिदा ने संवाददाताओं से कहा, ‘हम पुष्टि करते हैं कि हम कई गंभीर कदमों समेत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का नया प्रस्ताव लागू करने और चीन तथा रूस पर मिलकर काम करेंगे.’

उधर अमेरिका के रक्षा विभाग पेंटागन ने कहा कि अमेरिका और दक्षिण कोरिया की सेनाओं के प्रमुखों ने भी उत्तर कोरिया के परीक्षण के बाद ‘सैन्य जवाब देने के विकल्पों’ पर चर्चा की. दक्षिण कोरिया ने कहा कि इस परीक्षण ने चीन के विरोध के बावजूद अमेरिकी मिसाइल रक्षा प्रणाली की तैनाती की प्रक्रिया को तेज करने के लिए मजबूर कर दिया है. चीन का कहना है कि इस क्षेत्र में अस्थिरता पैदा होगी.

हमारा सवाल – अमेरिका के पास इससे कई गुना परमाणु हथियार हैं लेकिन उससे दुनिया को खतरा क्यों नहीं दिखता. अगर किमजोंग तानाशाह हैं तो डोनाल्ड ट्रंप कौन से विवेकशील आदमी हैं. इसे कहते हैं पश्चिम की तानाशाही. पूरी दुनिया से हथियार खत्म करने की जगह ये देश भारत पाकिस्तान और कोरिया जैसे देशों पर धौंस जमाते हैं.