मोदी जी को ठेंगे पर रखते हैं गौरक्षक, फिर दो मुस्लिम महिलाओं को घेरकर पीटा

नई दिल्ली : मोदी जी का अगर कहीं बस नहीं चलता तो वो हैं गौरक्षक. चेतावनी वो दे चुके हैं. भाषण वो दे चुके हैं और प्रशासन को चेतावनी भी वो दे चुके हैं लेकिन गौरक्षकों पर हमले हैं कि रुकने का नाम नहीं ले रहे. सबसे ज्यादा मामले भी खुद मोदी जी की पार्टी के शासन वाले राज्यों से ही सामने आ रहे हैं. पार्टी चीफ अमित शाह दूसरी पार्टी के विधायकों को तो काबू कर ले रहे हैं लेकिन अपने गौरक्षक काबू नहीं आते.

ताजा मामला मध्य प्रदेश का है जहां पर भीड़ द्वारा गाय का मांस ले जाने के शक में दो मुस्लिम महिलाओं की पिटाई कर दी गई. गाय माता की जय का नारा लगाते हुए भीड़ महिलाओं की पिटाई कर रही थी . वहां इस भीड़ के साथी मारपीट का बाकायदा वीडियो शूट कर रहे थे. यहां तक कि पुलिस भी रक्षात्मक रुख अपनाए हुए थी. मामला पश्चिमी मध्य प्रदेश के मंदसौर का है. इस घटना के बाद गौरक्षक तो चौड़े होकर घर चले गए लेकिन बीजेपी की पुलिस ने महिलाओं को ही गिरफ्तार कर लिया.

इसके बाद पुलिस ने अपने एक बयान में कहा था कि वह गाय का नहीं भैस का मांस था जिसपर बैन नहीं लगा है. शिवराज सिंह के मध्य प्रदेश में इस साल गौरक्षा के नाम पर अभी तक मुस्लिमों पर किए गए 27 हमलों के मामले दर्ज हो चुके है.

मीडिया द्वारा जारी की गई रिपोर्ट्स का एक डाटा बनाया जाए तो 2014 लोकसभा चुनाव में एनडीए की जीत के बाद जबसे नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने है, तबसे देश में इस प्रकार की 97 प्रतिशत हिंसा हुई हैं. हिन्दुस्तान टाइम्स के अनुसार  इन हिंसाओं में 54 प्रतिशत गाय से संबंधित हिंसाएं है. ये ज्यादातर हिंसाएं उन्हीं राज्यों में हुई हैं जहां पर भारतीय जनता पार्टी की सरकार है. इस डाटा के अनुसार इन हिंसाओं का शिकार 51 प्रतिशत मुसलमानों को बनाया गया है. इन घटनाओं में 28 लोगों की जान गई है जिनमें 24 मुसलमान थे.