इस बार मन की बात कम पॉलिटिक्स की ज्यादा, पढ़िये शॉर्ट में पूरा भाषण

नई दिल्ली.नरेंद्र मोदी ने रविवार को 34वीं बार मन की बात की. पहली बार मोदी का अंदाज़ थोड़ा राजनीतिक टाइप और अपनी सरकार के फैसलों की मार्केटिंग करने वाला लगा. मोदी ने कहा कि जीएसटी सफल हुआ है. इसके फायदे भी दिखने लगे हैं.

1. जीएसटी के फायदे गिनाए

# मोदी ने कहा, “जीएसटी के लिए कई लेटर और मैसेज आए. एक महीने में ही इसके फायदे दिखने लगे हैं.”

# “मुझे खुशी होती है कि गरीबों के लिए चीजों के दाम कैसे कम हो गए हैं. कारोबार आसान हो गया है. कारोबारियों की आय बढ़ी है.”

# “ट्रकों की रफ्तार बढ़ने से पॉल्यूशन कम हुआ है. ट्रांसपोर्ट और लॉजिस्टिक सिस्टम आसान हो गया है. गुड एंड सिम्पल टैक्स से स्मूथ ट्रांजैक्शन हुए हैं. पूरी दुनिया में इकोनॉमी के जानकार इस पर रिसर्च करके जरूर लिखेंगे.”

2. बाढ़ के बहान गुजरात को प्रलोभन

# मन की बात में मोदी ने कहा “बारिश का मौसम लोगों के लिए लुभावना वक्त होता है. कभी-कभी बारिश से बाढ़ आती है तो इसका विकराल रूप सामने आता है.”

# “प्रकृति के इस रूप से निराशा भी होती है. पिछले दिनों गुजरात, राजस्थान, नॉर्थईस्ट और बंगाल में बाढ़ आई है. सरकार बाढ़ पीड़ितों की पूरी मदद कर रही है.”

# “सेना और एनडीआरएफ के जवान लोगों को निकालने की पूरी कोशिश कर रहे हैं. बाढ़ से किसानों को काफी नुकसान होता है. हमने फसल बीमा के लिए कंपनियों को प्रो#एक्टिव होने के लिए कहा है.”

# “किसान हेल्पलाइन नंबर पर परेशानियां बता रहे हैं. मौसम का अनुमान करीब#करीब सही निकल रहे हैं. ये सब स्पेस टेक्नोलॉजी की बदौलत है. जब भी मैं मन की बात की तैयारी करता हूं उससे ज्यादा लोग तैयार करते हैं.”

3. क्रांति का महीना

# मोदी ने कहा, “अगस्त का महीना एक तरह के क्रांति का महीना है. एक अगस्त को असहयोग आंदोलन और 9 अगस्त 1942 को भारत छोड़ो आंदोलन शुरू हुआ.”

# “15 अगस्त को देश आजाद हुआ. अंग्रेजो भारत छोड़ो का नारा डॉक्टर यूसुफ मेहर अली ने दिया. युवा पीढ़ी को इसे जानना चाहिए.”

# “इस आंदोलन से जुड़कर लोग अंग्रेज सरकार के खिलाफ कंधे से कंधा मिलाकर आंदोलन का हिस्सा बन गए थे. गांधीजी के कहने पर लाखों लोग करो या मरो के नारे पर खुद को आजादी के लिए झोंक रहे थे. अंग्रेजों ने महापुरूषों को जेल में डाल दिया. 1920 और 1942 में बापू के आंदोलन के दो रूप दिखाई देते हैं.”

4. संकल्प लें, 5 साल में सिद्ध करें

# मोदी ने कहा, “भारत का पहला स्वतंत्रता संग्राम 1857 से शुरू हुआ था. आंदोलन में हर कोई कुछ न कुछ करने के लिए तैयार रहा. लोग आते और जुड़ते गए.”

# “1942 आंदोलन की चरम सीमा पर पहुंचा. अगले 5 साल में अंग्रेजों को देश छोड़कर जाना पड़ा. ये निर्णायक साल थे. हम 1947 में हम आजाद हुए.”

# “अब 2017 में 70 साल हो चुके हैं. कई सरकार आईं. मैं देख रहा हूं कि 2017 से 2022 के लिए नया संकल्प लें. अगर देशवासी 9 अगस्त क्रांति के दिन संकल्प ले कि मैं देश के लिए क्या करूंगा तो अगले 5 साल भी भारत के भविष्य के लिए निर्णायक बन सकते हैं.”

# “2022 में जब हम आजादी के 75 साल मनाएंगे तो नारा हो कि नए भारत के लिए गरीबी भारत छोड़ो, सांप्रदायिकता भारत छोड़ो, बेईमानी भारत छोड़ो, गंदगी भारत छोड़ो, आतंकवाद भारत छोड़ो और जातिवाद भारत छोड़ो.”

# “सभी लोग न्यू इंडिया के लिए कुछ न कुछ संकल्प लें. नए आइडिया उजागर कर सकते हैं. एक व्यक्ति के रूप में मेरा क्या योगदान हो सकता है. हम कहीं हो ना हों ऑनलाइन जरूर होते हैं. इंटरनेट पर अपने आइडिया सोशल मीडिया और ब्लॉग में शेयर करें.”

5. इस बार भाषण छोटा

# मोदी ने कहा, “15 अगस्त को पीएम के तौर पर मुझे देश से संवाद करने का मौका देता है. वहां मैं नहीं देश की आवाज गूंजती है. इस बार मुझे क्या कहना चाहिए. इसके लिए MyGov पर जरूर भेजिए. पिछले तीन बार में मुझे शिकायत मिली है कि मेरा भाषण लंबा हो जाता है. इस बार कोशिश करूंगा कि मेरा भाषण छोटा कैसे करूं. कोशिश करूंगा कि 40#50 मिनट में आपकी सारी बातें आ जाएं.”

# “NarendraModiApp पर युवा मित्रों के लिए ‘ट्वीट इंडिया क्विज’ लॉन्च किया जाएगा.”

6. त्योहार यानी गरीब को मौका

# मोदी ने कहा, “हमारे त्योहार गरीब से गरीब के लिए कमाई का मौका होता है. रक्षाबंधन, गणेश चतुर्थी जैसे त्योहार.”

# “राखी के कई महीने पहले लोग राखियां बनाने लगते हैं. खादी#रेशम की राखियां बनने लगती हैं. गरीबों के परिवार इसी से तो चलते हैं. दिवाली पर गरीब परिवार के बनाए दियों से हमारे और उनके घर में भी उजाले होते हैं.”

# “लोगों ने मुझे चिट्ठियां लिखी हैं कि इस बार आप वक्त से पहले लोगों को मिट्टी के गणेश के बारे में बताएं. तिलक जी ने समाज की जागरुकता के लिए सावर्जनिक गणेशोत्सव शुरू किया था. तिलक के शुरू किए गणेशोत्सव के 125 साल हो गए.”

# “आप लोग इस मौके पर निबंध प्रतियोगिताएं कराएं. इको#फ्रैंडली मिट्टी के गणेश अपने घर लाएं. आइए अपने त्योहारों को गरीब के साथ जोड़ें. ताकि ये भी उनके लिए एक आर्थिक उत्सव बन जाए.”

7. बेटियों की तारीफ

# मोदी ने कहा, “हमारी बेटियां शिक्षा के अलावा कई क्षेत्रों में देश का नाम रोशन कर रही हैं. पिछले दिनों हमारी बेटियों ने महिला क्रिकेट वर्ल्डकप के फाइनल में पहुंचीं.”

# “वे इसे जीत नहीं पाईं तो थोड़ी मायूस थीं. मुझसे मिलीं तो मैंने कहा कि आजकल मीडिया आप लोगों से अपेक्षाएं इतनी बढ़ा देता हैं कि हमें हमेशा सफलता की उम्मीद होती हैं.”

# “मैं देश की बेटियों भारत का मान बढ़ाने के लिए बधाई देता हूं. ये पहली बार हुआ कि बेटियों की हार को पूरे देश ने अपने कंधों पर ले लिया.