ट्रंप के उकसाने से भड़का किम जोंग का कोरिया, परमाणु हमले की तैयारी में

नई दिल्ली :  विवेकहीन लोग जब सत्ता के शीर्ष पर बैठ जाते हैं तो समस्या विकट हो जाती है. अमेरिका के डोनाल्ड ट्रंप अब बार बार उत्तर कोरिया के साथ युद्ध के हालात भड़का रहे हैं. कोशिश है कि दुनिया विश्वयुद्ध की तरफ बढ़े. इससे हथिय़ारों की बिक्री बढ़ेगी नतीजा होगा लाखों गुना मुनाफे वाले हथियार कारोबार को रफ्तार मिल जाएगी. एक तरफ उत्तर कोरिया झुकने को तैयार नहीं है दूसरी तरफ अमेरिका रोज अपने विमान उसके आसमान पर भेजकर उसे उकसा रहा है.

इस उंगलीबाज़ी का नतीजा है कि अब कोरिया ने अमेरिका के विमान गिराने का फैसला कर लिया है. शनिवार को संयुक्त राष्ट्र में उत्तर कोरिया के विदेश मंत्री री योंग हो ने डोनाल्ड ट्रंप को ‘मिस्टर एविल प्रेसीडेंट’ कहकर संबोधित किया. कहा, अमेरिकी बमवर्षकों का उत्तर कोरिया के नजदीक उड़ना बंद नहीं हुआ तो अमेरिका पर परमाणु बम का हमला जरूरी हो जाएगा.

कुछ ही घंटे बाद जवाब में राष्ट्रपति ट्रंप ने ट्वीट किया. कहा, उत्तर कोरिया के विदेश मंत्री का भाषण सुना. अगर ‘लिटिल रॉकेट मैन’ के विचार सुना रहे हों तो उन्हें पता होना चाहिए कि ये विचार अब ज्यादा दिनों तक उनके साथ नहीं रहेंगे. जाहिर है इस ट्वीट के जरिये ट्रंप ने एक बार फिर से उत्तर कोरिया को सैन्य कार्रवाई की चेतावनी दी है.

अमेरिका और उत्तर कोरिया के नेता अब बिना समय गंवाए एक-दूसरे का जवाब दे रहे हैं. यहां तक कि न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र की आमसभा में भाग लेने आए उत्तर कोरिया के विदेश मंत्री ने अमेरिकी राष्ट्रपति पर सीधे हमले किये. अमेरिकी बी-1 बी लांसर बमवर्षकों ने हाल ही में स्टील्थ एफ-35 लड़ाकू विमानों के साथ उत्तर कोरिया की सीमा के नजदीक समुद्र के ऊपर उड़ान भरी थी. उसके साथ दक्षिण कोरियाई विमान भी थे. इससे कोरियाई प्रायद्वीप के गर्म माहौल में युद्ध भड़कने की आशंका पैदा हो गई थी.

उत्तर कोरिया के विदेश मंत्री ने लड़ाकू विमानों की उसी गश्त पर प्रतिक्रिया में अमेरिका पर सीधे परमाणु बम गिराने की धमकी दी. री योंग हो ने कहा, उत्तर कोरिया अपनी सुरक्षा के लिए पूरी तरह से तैयार है. अमेरिका ने अगर उस पर हमले का दुस्साहस किया तो उसे सीधे अमेरिकी शहरों पर हाइड्रोजन बमों का हमला झेलना पड़ेगा. तानाशाह किम जोंग उन ने साफ कहा है कि यह हमला अमेरिका को सर्वाधिक पीड़ा देने वाला होगा. तीन सितंबर को उत्तर कोरिया के हाइड्रोजन बम के परीक्षण के बाद दोनों देशों की तल्खी युद्ध के कगार तक पहुंच चुकी है.