शर्मनाक : असुरक्षित माहौल के बीच बीएचयू ने बच्चियों को बेघर किया, रात कहां बिताएं ?

नई दिल्ली : कल्पना कीजिए आपकी बहन बाहर परदेस में रहती है. वहां हॉस्टल हैं तो आप सुरक्षित महसूस करते होंगे. अचानक आपको खबर मिले कि आपकी बेटी या बहन जहां रहती है वहां लड़के गंदी हरकतें करते हैं. हस्त मैथुन करते हैं. लड़कियों से हाथापाई करते हैं उनके कुर्ते और जींस में हाथ डालने की कोशिश करते हैं.

इतना ही नहीं. जब आपकी बहन या बेटी इस अत्याचार के खिलाफ सुरक्षा मांगे तो उसे पुलिस से पिटवाया जाए. उसके कमरे में पुरुष पुलिसवाले बेधड़क घुसें और मारपीट करें.

इस सब से भ जी न भरे तो आपकी बहन और बेटी को हॉस्टल से बाहर निकाल दिया जाए. उन्हें परदेस में रहने का इंतज़ाम करना हो वो भी उस शहर में जहां के गुंडे बेखौफ हो और लड़कियों के साथ बदतमीजी करते हैं. यही हो रहा है बनारस में.

वीसी साहब ने हुकुम सुनाया है कि लड़कियों को हॉस्टल की बिजली काट दी जाए ताकि वो वहां रह न सकें. यानी अबतक गुंडे थे सुरक्षा नहीं थी , सीसीटीवी नही था अब घर भी नहीं होगा और बिजली भी नहीं होगी. सुरक्षा तो दूर अंधेरा ऊपर से. ये है बनारस की अंधेर नगरी की अंधी व्यवस्था.

विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी राजेश सिंह ने बताया कि कुलपति ने हालात के मद्देनजर तत्काल प्रभाव से विश्वविद्यालय को दो अक्तूबर तक बंद रखने का ऐलान किया है. उन्होंने घटना की जांच के लिए एक समिति का गठन भी किया है. उन्होंने कहा कि कुछ बाहरी अराजक तत्व हैं जो छात्राओं को आगे कर संस्थान की गरिमा को धूमिल करना चाहते हैं.

सरकार तो गुंडों का काम आसान कर रही थी लेकिन जो बीएचयू के नौजवान यहां सड़क पर सीना तानकर बहनों की हिफाज़त में लगे थे उन्हें भी पुलिस ने बाहर वाला बताने का इंतजाम कर लिया है ताकि इसपर कोई सवाल न उठा सके. बाकायदा सीएम योगी साहब ने आईजी पुलिस को इसके लिए निर्देश देकर रिपोर्ट मांगी है.

दरअसल शनिवार की रात कुलपति आवास के पास पहुंचे छात्र और छात्राओं पर विश्वविद्यालय के सुरक्षाकर्मियों ने लाठीचार्ज कर दिया, जिसमें कुछ विद्यार्थी घायल हो गए. तभी कैंपस में तनाव बना हुआ है. छात्राओं का कहना है कि पुलिस ने उन पर भी लाठीचार्ज किया है. इसके बाद छात्रों का गुस्सा भड़क उठा और उन्होंने सुरक्षाकर्मियों पर पथराव शुरू कर दिया. सभी विद्यार्थी संस्थान में बृहस्पतिवार को हुई कथित छेड़खानी के विरोध में धरना प्रदर्शन कर रहे थे.

विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी राजेश सिंह ने बताया कि कुलपति ने हालात के मद्देनजर तत्काल प्रभाव से विश्वविद्यालय को दो अक्तूबर तक बंद रखने का ऐलान किया है. उन्होंने घटना की जांच के लिए एक समिति का गठन भी किया है. उन्होंने कहा कि कुछ बाहरी अराजक तत्व हैं जो छात्राओं को आगे कर संस्थान की गरिमा को धूमिल करना चाहते हैं.

सिंह ने बताया कि पुलिस प्रशासन विश्वविद्यालय में मौजूद है. हालात फिलहाल नियंत्रण में हैं. उन्होंने आशंका जताई कि घटनाओं के मुद्देनजर पुलिस प्रशासन कुछ छात्रावासों को खाली भी करा सकती है.

शनिवार को परिसर में हिंसा और तनाव को देखते हुए 25 थानों की पुलिस बुलाई गई थी. हालात काबू में करने के लिए परिसर में घुसी पुलिस को छात्रावास के विद्यार्थियों के कड़े विरोध का सामना करना पड़ा. पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े, हवा में गोलियां चलाईं और जवाबी पथराव भी किया.

वाराणसी के हिन्दू विश्वविद्यालय में लगातार प्रदर्शन कर रही छात्राओं के ऊपर हुई लाठीचार्ज के विरोध में समाजवादी छात्रसभा समेत तमाम सामाजिक संगठनों ने हजरतगंज स्थित गांधी प्रतिमा पर प्रदर्शन किया है.

जिस समय छात्राएं धरने पर बैठी थीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिनों के लिए वाराणसी भी गए थे, लेकिन छात्राओं के आंदोलन पर उन्होंने कुछ भी कहने और मिलने से परहेज किया. वाराणसी प्रधानमंत्री मोदी का संसदीय क्षेत्र भी है. लेकिन दूसरी पार्टियों के नेताओं को चाहने पर भी मिलने नहीं दिया जा रहा . उत्तर प्रदेश के कांग्रेस नेता राज बब्बर को भी यहां मिलने नहीं दिया गया.