मां के सिंदूर लगाने से बच्चे का भविष्य हो सकता है चौपट, दिमाग पर डालता है बुरा असर

नई दिल्ली: भारत में मांग में सिंदूर भरना सौभाग्य की निशानी माना जाता है. महिलाएं अगर सिंदूर मांग में न भरें तो उनका जीवन मुश्किल बना दिया जाता है. लेकिन अब जो साइंटिफिर रिसर्च सामने आई है वो कहती है कि सिंदूर लगाने वाली मां के बच्चे की ज़िंदगी बदतर हो सकतीहै. वैज्ञानिकों का कहना है कि सिंदूर में सीसे की मात्रा खतरनाक स्तर तक हो सकती है. ऐसे में अगर कोई मां इन सीसायुक्त सिंदूर का इस्तेमाल कर करती है, तो इससे उनके बच्चों में कम IQ और उनके विकास में रुकावट जैसी शिकायतें हो सकती हैं. एक अध्ययन में यह बात सामने आई है. इस अध्ययन के बाद अमेरिका में सिंदूर की बिक्री पर रोक लग सकती है.
दरअसल मां के पास बच्चों के रहने से काफी सिंदूर हवा में आ जाता है और बच्चों की सांस से अंदर जाता रहता है. कुछ सिंदूर रक्त में अवशोषित होकर भी मां के दूध में चला जाता है.
अमेरिका में रटगर्स यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं के अनुसार अमेरिका से इकट्ठा किए गए सिंदूर के 83% नमूनों और भारत से लिए गए 78% नमूनों में प्रति ग्राम सिंदूर में 1.0 माइक्रोग्राम पाई गई.
उधर, न्यूजर्सी से लिए गए 19% नमूनों और भारत से लिए गए 43% नमूनों के अध्ययन में पाया गया कि प्रति ग्राम सिंदूर में सीसे की मात्रा 20 माइक्रोग्राम से अधिक थी.
यूनिवर्सिटी में एसोसिएट प्रोफेसर डेरेक शेंडल ने कहा, ‘सीसे की सुरक्षित मात्रा नहीं है. इसलिए हमारा मानना है कि अमेरिका में तब तक सिंदूर नहीं बेचा जाए जब तक वह सीसा मुक्त नहीं हो.’
बता दें कि भारत और नाइजीरिया में इस्तेमाल किए जाने वाले काजल और आंखों से जुड़े अन्य उत्पादों में सीसे की मात्रा ज्यादा होने को लेकर अमेरिका उन्हें पहले ही प्रतिबंधित कर चुका है. हालांकि यहां सिंदूर को लेकर सिर्फ चेतावनी जारी की गई है.