मेट्रो के लिए 5000 रुपये महीने कहां से लाओगे, बजट बिगाड़ रही है मेट्रो

नई दिल्ली : दिल्ली में मेट्रो का किराया बढ़ने से लोगों की दिवाली फीकी हो सकती है.  मेट्रो किराया दिखने को तो 10 रुपये बढ़ा है लेकिन ये महीने के बजट पर बुरा असर डालने वाला है. अगर किसी घर में 4 लोग मेट्रो में सफर करते हैं तो उन पर महीने का 4 से 5 हज़ार रुपये महीने का बोझ बढ़ जाएगा. जानकार कहते हैं कि मेट्रो के किराये में बढ़ोतरी दिवाली पर बाज़ार के लिए भी ठीक नहीं है. लोगों के खर्च बढ़ने से वो खपत कम करेंगे जिससे बाज़ार में कारोबार पर असर पड़ेगा.

दिल्ली मेट्रो के किराए में एक साल के भीतर यह दूसरी बढ़ोतरी होगी. बढ़े हुए किराये का पहला फेज़ लागू होने से पहले मेट्रो का न्यूनतम किराया 8 रुपए होता था, जो अब दस रुपए हो गया है. जबकि अधिकतम किराया 30 रुपए होता था, जो मई में 50 रुपए किया गया और अब 3 अक्टूबर के बाद 60 रुपए हो गया है.

अब इतना होगा किराया –

2 किलोमीटर- 10 रुपये

2-5 किलोमीटर- 20 रुपये

5-12 किलोमीटर-30 रुपये

12-21 किलोमीटर-40 रुपये

21-32 किलोमीटर-50 रुपये

31 किलोमीटर से ज्यादा- अधिकतम 60 रुपये

सूत्रों ने बताया कि डीएमआरसी बोर्ड की बैठक में दिल्ली सरकार के किराया निर्धारण कमेटी के प्रस्ताव को भी खारिज कर दिया गया. बोर्ड ने कहा कि किराया निर्धारण कमेटी (FFC) की सिफारिशों में दखल देने या बदलाव करने का बोर्ड के पास कोई कानूनी अधिकार नहीं है.

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने ट्वीट में कहा, ‘‘बोर्ड में 16 निदेशकों में से दिल्ली सरकार के पांच निदेशक हैं, जिन्होंने इसका विरोध किया. हालांकि केंद्र ने हठी रवैया दिखाया. यह वृद्धि काफी अनुचित है. केंद्र को आम आदमी का अधिक खयाल रखना चाहिए था.’’

उधर, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भी ट्वीट करके कहा, ‘‘भाजपा सरकार किराया बढ़ाने पर अड़ी हुई है. दिल्ली सरकार के पांच सदस्यों ने विरोध किया लेकिन केंद्र सरकार के 11 सदस्यों ने किराया वृद्धि टालने के दिल्ली सरकार के प्रस्ताव को खारिज कर दिया.’’

इससे पहले, केन्द्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने मेट्रो रेल किराया बढ़ोतरी मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को राजनीति नहीं करने की नसीहत देते हुए कहा कि किराए में प्रस्तावित इजाफे को रोकने के लिये दिये गये उनके सुझाव कानूनसम्मत नहीं हैं.

पुरी ने केजरीवाल को सोमवार को लिखे जवाबी पत्र में किराया बढ़ोतरी के प्रस्ताव को टालने, मेट्रो परिचालन घाटे में केन्द्र और राज्य की आधी हिस्सेदारी और मेट्रो परिचालन दिल्ली सरकार को सौंपने के सुझावों को तथ्यात्मक रूप से गलत बताया है. पुरी ने इन सुझावों को मौजूदा कानून के तहत मान्य नहीं होने के आधार पर खारिज कर दिया, हालांकि उन्होंने किराया बढ़ोतरी के प्रस्ताव को टालने पर अड़े केजरीवाल के अनुरोध पर अंतिम रूप से विचार करने के लिये डीएमआरसी बोर्ड के अध्यक्ष डीएस मिश्रा को बोर्ड की बैठक आहूत करने को कहा.

मेट्रो की किराया निर्धारण समिति की सिफारिश पर प्रस्तावित किराया बढ़ोतरी को लागू करने की अंतिम समयसीमा दस अक्टूबर होने के कारण मिश्रा ने पुरी के अनुरोध पर सोमवार देर शाम ही डीएमआरसी बोर्ड की बैठक आहूत की.

इससे पहले केजरीवाल ने केंद्र सरकार को एक पत्र में कहा था कि मेट्रो का किराया न बढ़ाया जाए, इसके एवज में दिल्ली सरकार नुकसान की भरपाई में मदद करने के लिए तैयार है. केजरीवाल ने कहा था कि अगर केंद्र सरकार मदद का हाथ बढ़ाती है तो दिल्ली सरकार इसके लिए 1500 करोड़ रुपये देने को तैयार है.