JNU का रिजल्ट आया, हरियाणे की छोरी ने फहराया लाल परचम, विरोधियों को आधे वोट भी नहीं

नई दिल्ली:हरियाणा की छोरी ने लहराया है जवाहरलाल नेहरू यूनिवसिर्टी (JNU) स्टूडेंट यूनियन चुनाव में परचम. हरियाणे की छोरी गीता कुमारी अध्यक्ष पद पर जीती हैं. गीता कुमारी हरियाणा की रहने वाली हैं. उनकी जीत पर उनके परिवार के लोग भी खुशियां मना रहे हैं. पढ़ने में मेधावी गीता इतिहास से एमफिल कर रही हैं. जीत के बाद गीता कुमारी ने कहा, ‘मैं इस जश्न के मौके का श्रेय जेएनयू के उन छात्रों को देती हूं जो मानते हैं कि यह इस जैसी लोकतांत्रिक जगह को बचाए रखने की जरूरत है. मैंने प्रचार में जेएनयू की सीटों में कटौती, नजीब की गुमशुदगी, नए हॉस्टल और प्रवेश प्रक्रिया से जुड़े मुद्दों को उठाया था.

आइसा, एसएफआई और डीएसएफ के संयुक्त गठबंधन लेफ्ट यूनिटी की संयुक्त उम्मीदवार गीता कुमारी ने 1506 वोट लेकर एबीवीपी की निधि त्रिपाठी (1042) को हराया. शनिवार देर रात आए चुनाव परिणाम के बाद पूरा जेएनयू कैंपस नारों से गूंज उठा.

ढोल नगाड़ों के बीच विजयी दलों के छात्र झूमते गाते हुए दिखे. सेंट्रल पैनल की चारों सीट पर लेफ्ट यूनिटी ने कब्जा किया. लेफ्ट यूनिटी की ओर से गीता कुमारी के अलावा सिमोन जोया खान ने उपाध्यक्ष, दुग्गिराला श्रीकृष्ण ने महासचिव तो शुभांशु सिंह ने संयुक्त सचिव पद पर जीत हासिल की.

इस बार चुनाव में एबीवीपी जीत जाए इसलिए मोदी सरकार ने काफी ताकत लगाई थी . वामपंथियों से बीजेपी का सीधा टकराव है. जेएनयू की रिसर्च सीटें भी कम कर दी गई थीं ताकि लेफ्ट के छात्र कम हो जाएं. मारपीट यहां तक कि एक छात्र नजीब के गायब हो जाने जैसी घटनाएं भी यहां लेफ्ट समर्थक छात्रों को डरा नहीं सकीं.

उपाध्यक्ष के लिए सिमोन जोया खान ने 1876 वोट हासिल कर एबीवीपी के दुर्गेश (1028) को हराया. वहीं महासचिव पद पर दुग्गिराला श्रीकृष्ण  ने 2082 वोट लेकर एबीवीपी के निकुंज मकवाना (975) को और संयुक्त सचिव के लिए शुभांशु सिंह ने 1755 वोट हासिल कर एबीवीपी के पंकज केसरी (920) को मात दी.