सिर्फ 40 फीसदी दिल्ली वाले चाहते में फिर से मोदी, केजरीवाल का जलवा बरकरार

अगर आज विधानसभा चुनाव होते हैं तो दिल्ली में केजरीवाल ही जीतेंगे. 67 फीसदी लोग दिल्ली में केजरीवाल की वापसी चाहते हैं सिर्फ 40 फीसदी लोग देश में मोदी की वापसी चाहते हैं. ये बात एबीपी न्यूज़ के स्नैप पोल में सामने आई है. दिल्ली के उप राज्यपाल और आप की अरविंद केजरीवाल सरकार के बीच चले 9 दिनों के गतिरोध के बाद एबीपी न्यूज और सी वोटर के स्नैप पोल में ये बात सामने आई है.

सर्वे के मुताबिक आज की तारीख में अगर लोकसभा और विधान सभा चुनाव हुए तो दिल्ली के अधिकांश लोगों ने लोकसभा चुनाव में बीजेपी को वोट देने की बात कही है जबकि विधान सभा चुनाव में आप को ज्यादातर लोगों ने वोट देने की बात कही है.

सर्वे में लोकसभा चुनाव में दिल्ली के 40 फीसदी लोग पीएम नरेंद्र मोदी की वापसी चाहते हैं, इसलिए बीजेपी को वोट देंगे जबकि 25 फीसदी लोग केजरीवाल की आम आदमी पार्टी को वोट देंगे. 24 फीसदी लोगों ने लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को वोट देने की बात कही है. बता दें कि 2014 के चुनाव में दिल्ली की सभी सात सीटों पर बीजेपी की जीत हुई थी. इस सर्वे में दिल्ली की सभी 70 विधान सभा सीटों पर कुल 1168 लोगों की राय ली गई है.

सर्वे में 39 फीसदी लोगों की राय है कि आप की सरकार वापसी करेगी जबकि उससे मात्र एक फीसदी कम यानी 38 फीसदी लोगों की राय है कि बीजेपी सत्ता में आएगी. सिर्फ 13 फीसदी लोगों का मानना है कि दिल्ली में कांग्रेस की वापसी होगी. सर्वे में पूछे गए एक अन्य सवाल के जवाब में 37 फीसदी लोगों की राय है कि दिल्ली में केजरीवाल सरकार बहुत अच्छा काम कर रही है जबकि 30 फीसदी लोगों की राय थी कि केजरीवाल सरकार अच्छा काम कर रही है. यानी कुल 67 फीसदी लोगों ने केजरीवाल सरकार के कामकाज पर खुशी जाहिर की है मात्र 32 फीसदी लोगों ने कहा कि आप सरकार खराब काम कर रही है.

क्या मोदी सरकार केजरीवाल सरकार को काम नहीं करने दे रही है? इस सवाल के जवाब में 50 फीसदी लोगों का मानना है कि हां, मोदी सरकार केजरीवाल सरकार के कामकाज में रोड़े अटकाती है जबकि 43 फीसदी लोगों ने इस पर अपनी सहमति नहीं दी. 7 फीसदी लोगों ने इस सवाल पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी. एलजी विवाद में कांग्रेस को केजरीवाल का साथ देना चाहिए था या नहीं? इस सवाल के जवाब में 45 फीसदी लोगों का मानना है कि कांग्रेस को केजरीवाल का साथ देना चाहिए था जबकि 48 फीसदी लोगों का कहना था कि कांग्रेस को केजरीवाल के धरने का समर्थन नहीं करना चाहिए था, जैसा कि कांग्रेस ने किया है. सिर्फ सात फीसदी लोगों ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी.

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