दिल्ली में जमकर चले पटाखे, सांस के साथ हज़ारों सिगरेट का धुआं, फिर भी पिछले साल से राहत

नई दिल्ली : ये कड़वा लेकिन दुखद सच है. सच ये कि दिल्ली में सुप्रीम कोर्ट का दिवाली पर प्रदूषण रोकने का प्रयोग फेल हो गया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि दिल्ली में पटाखों की बिक्री पर रोक लगाकर देखते हैं कि क्या प्रदूषण काबू होता है. प्रयोग का जो नतीजा निकला है वो कहता है नहीं. काबू नहीं हुआ. बिक्री पर रोक के बावजूद दिल्ली वालो ने जमकर पटाखे फोड़े. इसके बावजूद दिल्ली में प्रदूषण का स्तर करीब 40 फीसदी कम हुआ. मौसम विभाग का कहना है कि अगर आसमान साफ होता तो इतना प्रदूषण भी न होता.

दिल्ली में पूर्वी दिल्ली से लेकर दक्षिणी दिल्ली तक पटाखों की गूंज सुनाई दी. साथ ही आसमान में भी जमकर आतिशबाज़ी दिखाई दी.  जिस बोट क्लब और इंडियागेट पर प्रदर्शन करने पर रोक है वहां लोगों ने जमकर पटाखे फोड़े. दिल्ली में रोक के कारण कई लोग दूसरे शहरों से पटाखे लेकर आए.

सुबह 6:00 बजे के आंकड़ों की बात करें तो पीएम 2.5 का स्तर पीएम 10 से कहीं ज्यादा बढ़ा हुआ मालूम पड़ता है. पीएम 2.5 का स्तर इंडिया गेट पर 15 गुने से भी ज्यादा ऊपर आया है. पीएम 2.5 वह  महीन कण है जो हमारे फेफड़े के आखिरी सिरे तक पहुंच जाते हैं और कैंसर की वजह भी बन सकते हैं. इंडिया गेट पर सुबह 6:00 बजे पीएम 2.5 की मात्रा 911 माइक्रोन थी जबकि सामान्य तौर पर इसे सिर्फ 60 माइक्रोन होना चाहिए. जी हां 60 ही ज्यादा है यहां 911 माइक्रोन है.

दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमिटी के आंकड़े बताते हैं कि आरकेपुरम जैसे पॉश इलाके में पीएम 2.5 की मात्रा 776 माइक्रोन तक सुबह 6:00 बजे पहुंची हुई है. जो कि सामान्य से तकरीबन 13 गुना ज्यादा है. अशोक विहार में पीएम 2.5 की मात्रा 820 माइक्रोन है जो कि सामान्य से 14 गुना ज्यादा और आनंद विहार में पीएम 2.5 कणों की मात्रा 617 माइक्रोन है जो कि सामान्य से 10 गुने से भी ज्यादा है. यानी दिल्ली के हर हिस्से में प्रदूषण खतरनाक स्तर से कहीं ज्यादा है.

दिल्ली के आनंद विहार में पीएम-10 की मात्रा सामान्य से 24 गुना तक रिकॉर्ड की गई. पीएम 10 के मानकों पर ध्यान दें तो सामान्य स्तर तकरीबन 100 माइक्रोन माना जाता है लेकिन सुबह 6:00 बजे आनंद विहार में इसकी मात्रा 2402 माइक्रोन तक पहुंची हुई है. आर के पुरम जैसे पॉश इलाके में पीएम 10 की मात्रा 1083 माइक्रोन है जो लगभग सामान्य से 11 गुना है वहीं इंडिया गेट पर इसकी मात्रा 985 माइक्रोन और मंदिर मार्ग पर इसकी मात्रा 1046 माइक्रोन सुबह 6:00 बजे रिकॉर्ड की गई थी जो लगभग 10 गुना ज्यादा है.

नए आकंडों के मुताबिक दिल्ली में दिवाली से पहले ही वायु प्रदूषण ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. दिल्ली में सामान्य से 9 गुणा प्रदूषण दर्ज किया गया है. दिल्ली के श्रीनिवासपुरी, वजीरपुर, करणी सिंह स्टेडियम, ध्यानचंद हॉकी स्टेडियम, जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, ITI जहांगीरपुरी, आनंद विहार बस अड्डा, मंदिर मार्ग, पंजाबी बाग और आरके पुरम में प्रदूषण चैक किया, जिसमें काफी चौंकाने वाले रिजल्ट सामने आए हैं. दिल्ली प्रदूषण कंट्रोल कमेटी द्वारा दिए गए आंकड़ों के अनुसार वजीरपुर की हवा को दिल्ली में सबसे ज्यादा प्रदूषित है. वहीं प्रदूषित मामले में दूसरे नंबर पर आनंद विहार का बस अड्डे आता है.

दिल्ले के पॉश इलाकों की हालत भी ठीक नहीं है. दिल्ली के पॉश इलाकों में वायु प्रदूषण का स्तर सामान्य से लगभग सात गुना तक ज्यादा है. देखना होगा कि इस साल पटाखों की बिक्री पर बैन लगने के बाद पटाखों की बिक्री में कुछ बदलाव आता है या नहीं. पिछले साल पटाखों की बिक्री में कमी दर्ज की गई थी.