योगीराज : सरकारी अस्पताल के पास पैसे नहीं थे , ऑक्सीजन की कमी से 30 बच्चे मरे

गोरखपुर : यूपी के सबसे चमत्कारी इनसान के तौर पर बेचे जा रहे राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह जिले में उनके दौरे से एक दिन बाद , उनके राज में. बिना पैसे की कमी के चलते सरकारी अस्पताल में 30 बच्चों की मौत हो गई. अस्पताल के पास इतने पैसे भी नहीं है कि वो बीमार बच्चों के लिए ऑक्सीजन खरीद पाता. हादसा गोरखपुर के नामी बीआरडी मेडिकल काॅलेज का है.

बताया जा रहा है कि आक्सीजन सप्लाई करने वाली फर्म ने 69 लाख रूपये बकाया के चलते सप्लाई ठप कर दिया था. सुबह से आक्सीजन की किल्लत का खामियाजा बेचारे मरीजों को भगुतना पड़ा. हालांकि, मेडिकल काॅलेज प्रशासन ने इतनी संख्या में बच्चों की मौत को खारिज करते हुए यह कहा है कि दोपहर बाद से आक्सीजन की सप्लाई सुचारू हो गई है.

बीआरडी मेडिकल काॅलेज में बीते दो सालों से परिसर में लगे लिक्विड आक्सीजन प्लांट से इंसेफेलाइटिस वार्ड व नियोनेटल वार्ड में आक्सीजन की सप्लाई की जाती है. इस प्लांट से मेडिकल काॅलेज के करीब 300 मरीजों को प्रतिदिन आक्सीजन की जरूरतों को पूरा किया जाता है.

बताया जा रहा है कि आक्सीजन सप्लाई का ठेका जिस फर्म को है उसका करीब 69 लाख रूपये बकाया है. भुगतान में देरी के चलते गुरूवार की शाम को फर्म ने आक्सीजन की सप्लाई ठप कर दी.

इसके बाद से मेडिकल काॅलेज के नेहरू चिकित्सालय में हाहाकार मच गया. किसी तरह सुबह तक काम तो चल गया लेकिन उसके बाद दिक्कतें शुरू हो गईं. बताया जा रहा कि आक्सीजन के नहीं मिलने के चलते एक दर्जन से अधिक बच्चों की मौत हो गई.

अस्पताल प्रशासन इस लापरवाही से हुई मौतों पर फिलहाल पर्दा डालने में लगा हुआ है. बताया जा रहा कि घंटों तक मरीजों को अंबू बैग के सहारे किसी तरह आक्सीजन की सप्लाई की गई लेकिन वह नाकाफी साबित हुई. उधर, अस्पताल प्रशासन ने आक्सीजन की कमी से मौतों को सिरे से खारिज कर रहा. प्राचार्य के अनुसार आक्सीजन की सप्लाई शुरू हो चुकी है.

पर बड़ा सवाल ये हि कि आखिर इन मौतों का जिम्मेदार कौन है. एक दिन ही पहले प्रदेश के सीएम योगी का दौरा जिले में था और बच्चे इस हाल से गुजर रहे हैं. पर इस तरह कि लापरवाही पर आखिर सरकार क्या कदम उठायेगी ये बड़ा सवाल है.

गुरुवार से शुरू हुआ संकट
बीआरडी में ऑक्सीजन की आपूर्ति का संकट गुरुवार को तब शुरू हुआ जब लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट में गैस खत्म हो गई. संकट को देखते हुए गुरुवार को दिन भर 90 जंबो सिलेंडरों से ऑक्सीजन की सप्लाई हुई. रात करीब एक बजे यह खेप भी खप गई. जिसके बाद अस्पताल में कोहराम मच गया. साढ़े तीन बजे 50 सिलेंडरों की खेप लगाई गई. यह सुबह साढ़े सात बजे तक चला.

सुबह फिर मचा कोहराम
वार्ड 100 बेड में भर्ती इंसेफेलाइटिस के 73 में से 54 मरीज वेंटिलेटर पर हैं. सुबह साढ़े सात बजे ऑक्सीजन खत्म फिर खत्म हो गई. जिसके बाद वार्ड 100 बेड में हंगामा शुरू हो गया. एम्बुबैग के सहारे मरीजों को ऑक्सीजन दी गई. तीमारदारों के थक जाते ही डॉक्टर एम्बुबैग से ऑक्सीजन देते रहे.

लापरवाही से बढ़ता गया बकाया
बीआरडी में दो वर्ष पूर्व लिक्विड ऑक्सीजन का प्लांट लगाया गया. इसके जरिए इंसेफेलाइटिस वार्ड समेत 300 मरीजों को पाइप के जरिए ऑक्सीजन दी जाती है. इसकी सप्लाई पुष्पा सेल्स करती है. कंपनी के अधिकारी दिपांकर शर्मा ने प्राचार्य को पत्र लिखकर बताया है कि कालेज पर 68 लाख 58 हजार 596 रुपये का बकाया हो गया है. बकाया रकम की अधिकतम तय राशि 10 लाख रुपये है. बकाया की रकम तय सीमा से अधिक होने के कारण देहरादून के आईनॉक्स कंपनी की एलएमओ गैस प्लांट ने गैस सप्लाई देने से इनकार कर दिया है.