वाराणसी वालों की नाराज़गी दूर करने के लिए बुलैट ट्रेन का झुनझुना

नई दिल्ली : लो जी मोदी जी के बनारस में लोगों की नाराज़गी दूर करने के लिए सरकार झुनझुना लाई है. दिल्ली से वाराणसी के बीच बुलेट ट्रेन लाने की सरकार जल्द ही घोषणा करेगी. ये अलग बात है कि मुंबई और अहमदाबाद के बीच बुलेट ट्रेन प्रॉजेक्ट अब तक सिर्फ सोशल मीडिया पर ही है.

इंडियन रेलवे के सूत्रों के मुताबिक, हालांकि अभी इस पर कोई अंतिम फैसला नहीं लिया गया है, लेकिन बुलेट ट्रेन के जो कॉरिडोर तैयार करने पर विचार हो रहा है, उनमें दिल्ली-वाराणसी प्रमुख है. दरअसल, सरकार को लग रहा है कि बुलेट ट्रेन के ज़रिए एनडीए सरकार अपनी थोड़ी इज्जत बचा सकेगी. यूपी सबसे ज्यादा लोकसभा सीटों वाला राज्य है और वहां खासकर वाराणसी में विकास को लेकर चुटकुले बनने लगे हैं.

दिल्ली और वाराणसी के बीच की रेल से दूरी लगभग 750 किमी की है. रेलवे पहले ही इस बात की तैयारी कर रहा है कि बुलेट ट्रेन के बहुत लंबे कॉरिडोर बनाने की बजाय पांच सौ से आठ सौ किमी के कॉरिडोर बनाए जाएं. फिर उन्हें आगे जोड़ा जाए.  इस से एक ही रूट को कई कई बार प्रचार के लिए इस्तेमाल किया जा सकेगा. हर उद्घाटन के साथी ही काम कर दिखाने का संदेश जाएगा.

वाराणसी के मामले में रेलवे को लगता है कि यहां तक अगर बुलेट ट्रेन कॉरिडोर बनाया जाता है तो यूपी का एक बड़ा हिस्सा इस कॉरिडोर से जुड़ सकता है. राजनीतिक नजरिए से यह इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह प्रधानमंत्री का निर्वाचन क्षेत्र है. ऐसे में अगर मोदी सरकार के कार्यकाल में ही इस कॉरिडोर के निर्माण की घोषणा हो जाती है तो इसे मोदी का वाराणसी को बड़ा तोहफा माना जाएगा.

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