वाह री मोदी सरकार, IAS अफसर देखते रहे 11वीं पास को चेयरमैन बना दिया

मुंबई : क्या आप यकीन कर सकते हैं कि मोदी सरकार ने शिपिंग कॉर्पोरेशन ऑऱ इंडिया का चेयरमैन एक ग्यारहवीं पास शख्स को बनाया है . इतना ही नहीं कॉर्पोरेशन के डायरेक्टर भी 11वीं पास विपिन विहारी सिन्हा बनाए गए है. बताया जा रहा है कि दोनों अफसर अडानी पोर्ट एंड सेज़ को फायदा पहुंचाने के लिए यहां बिठाए गए. हालांकि इस बात की कोई पुष्टि नहीं हो सकी है और न ही ये पता लग सका है कि अडानी को उन्होंने कैसे फायदा पहुंचाया. लेकिन इतना बता दें कि इस कंपनी का कारोबार तीन लाख करोड़ से ज्यादा का है.

बहरहाल 11वीं पास को डायरेक्टर बनाने के इस मामले में बाकायदा सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी करके जवाब मांगा है. 18 अगस्त को जारी किए गए इस नोटिस में चेयरमैन पब्लिक इंटरप्राइज़ स्लेक्शन बोर्ड, मिनिस्ट्री ऑफ़ शिपिंग के सेक्रेटरी शिपंग , सेंट्रल विंजलेंस कमिश्नर , शिंपिंग कार्पोरेशन ऑफ़ इंडिया को सीएमडी और डायरेक्टर पार्सोनेल ऐंड एडमिनिस्ट्रेशन से चार हफ्तों में जवाब मांगा है.

मामसा एक याचिका के ज़रिए खुला जिसमें टैक्निकल सर्विसेज के असिस्टेंड मैनेजर राजा बासु ने इन नियुक्तियों पर सवाल उठाए. राजा बासु जनरल शिपिंग कार्पोरेशन ऑफीसर एसोसिएशन मुंबई के सेक्रेटरी भी रहे हैं.

अपनी याचिका में राजा बासु ने आरोप लगाया कि इस पद पर मौजूद बिपिन बिहारी सिन्हा सिर्फ 11 वीं पास हैं जबकि इस पद पर कम से कम ग्रेज्युएट और एमबीए होना चाहिए. बासु ने बताया कि यह एक बहुत बड़ा रैकेट है जिसके तहेत सारे नियम और कायदे ताक पर रख कर इस पद के लिए शिपिंग मिमिस्ट्री ने लोगों की नियुक्ति करती है.

सिन्हा ने हाईकोर्ट में एक हलफनामा दाखिल किया था जिसमें उन्होंने बताया कि मौजूदा चेयरमैन अनुप कुमार शर्मा भी 11 वीं पास हैं.जबकि एक और डायरेक्टर सरवीन नरुला की भी यही हाल है कि वह भी 12 वीं पास तक नहीं हैं.

बासु के अनुसार शिपिंग कार्पोरेशन में डायरेक्टर और चेयरमैन पद के लिए मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी से कम से कम ग्रेजुएट होना अनिवार्य है और उसके साथ साथ एमबीए भी अनिवार्य है. हैरान कर देने वाली बात यह है कि 2012 में जब डायरेक्टर पद के लिए चयन किया जाना था उस समय काफी लोग ऐसे आए थे जो शैक्षिक योग्यता में इस पद के काबिल थे. इतना ही नही विभाग में भी काबिल लोगों की कमी नहीं थी लेकिन मोदी सरकार ने सारे लोगों को नज़र अंदाज़ कर दिया बिपिन बिहारी सिन्हा को डायरेक्टर बना दिया.
दूसरी बार साल 2016 में फिर से चेयरमैन पद के लिए अधिकारियों का चयन किया जाना था और इस दौरान 35 उम्मीदवारों की मौजूदगी रही उनमें 10 आईएस अधिकारी भी थे लेकिन उन सब को नज़र अंदाज़ कर के अनुप कुमार शर्मा का चयन किया गया जबकि उनकी शैक्षणिक योग्यता है ही नहीं वह भी 11 वीं पास हैं.

बासु के मुताबिक इस मामले में मुंबई यूनिवर्सिटी के एलिजिबिल्टी और माइग्रेशन विभाग की घुसपैठ है जिन्होंने अपनी जांच मे इन अधिकारियों की 12 वी कक्षा की मार्कशीट को सत्यापन किया है जबकि यह दोनों अधिकारी 12 वीं पास ही नहीं हैं.

हमने इस बारे में सिन्हा से बात की तो उन्होंने कहा कि मैंने वीआरएस ले लिया है और बासु ने जो याचिका फाइल की है और जिस क्वालिफिकेशन की बात की है हम 12 वीं पास नहीं हैं लेकिन उसके समान्ता वाली योग्यता है हम सुप्रीम कोर्ट की नोटिस का जवाब दे देंगे. जबकि मौजूदा चेयरमैन अनुप कुमार शर्मा से बात करने की कोशिश की गई लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका. (information ctsy- bombay leaks