पुलवामा मस्जिद में ‘जय श्री राम’ नारा लगाने के आरोपों में घिरी सेना!

द टेलीग्राफ अख़बार ने रिपोर्ट की है कि पुलवामा की मस्जिद में ‘जय श्री राम’ नारा लगाने के आरोपों के संबंध में सेना घिरी हुई है। इस मामले में अख़बार ने सिविल सोसाइटी ग्रुप के चेयरमैन अलताफ़ अहमद भट्ट से बात की है, जिन्होंने घटना का चश्मदीद बताया है। अलताफ़ अहमद भट्ट ने टेलीग्राफ को बताया, “सेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने रविवार को गाँव वालों से माफ़ी मांगी है और ये जानकारी दी है कि इस घटना में कथित तौर पर शामिल मेजर को हटा दिया गया है।

” यह माफ़ी उन वक़्त आई है, जब कश्मीर के वरिष्ठ नेताओं ने मामले की कड़ी आलोचना की थी। नेताओं ने घटना में कथित तौर पर शामिल राष्ट्रीय राइफल्स के सैनिकों की जांच करने की बात भी कही थी। सेना के एक अधिकारी ने टेलीग्राफ को बताया, “कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में ये कहा जा रहा है कि एक्शन लिया गया है, पर मैं इसकी पुष्टि नहीं कर सकता। जब वरिष्ठ अधिकारी जानकारी साझा करेंगे, तब मैं इसे साझा करूंगा।

” यह घटना उस समय हुई है, जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह शनिवार को कश्मीर दौरे पर थे। शाह अगले महीने से शुरू होने वाली अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा के इंतज़ाम का जायज़ा लेने गए थे। पुलवामा मस्जिद में कथित तौर पर जबरन ‘जय श्री राम’ का नारा लगाने की बात सबसे पहले जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने उठाई थी। महबूबा ने आरोप लगाया था, “50 आरआर के जवानों के पुलवामा की एक मस्जिद में घुसकर मुसलमानों को ‘जय श्री राम’ का नारा लगाने के लिए मजबूर करने की खबर सुनकर स्तब्ध हूं।

ऐसा तब हुआ जब अमित शाह यहां हैं और यात्रा से पहले ऐसा करना उकसावे की कार्रवाई है।” इसके बाद जम्मू और कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आज़ाद पार्टी के नेता ग़ुलाम नबी आज़ादी ने भी इस पर बयान दिया था।

Leave a Reply