वाजपेयी नहीं रहे. एक खबर में जानिए पूरी जीवन यात्रा

अलौकिक व्यक्तित्व वाले पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी का आज निधन हो गया. उन्होंने दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में अंतिम सांस ली. 25 दिसंबर 1924 को मध्यप्रदेश के ग्वालियर में जन्मे अटल बिहारी वाजपेयी कई सालों से बीमार चल रहे थे. उनके निधन से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लाल कृष्ण आडवाणी सहित भाजपा और अन्य पार्टी के नेता उनका हालचाल जानने एम्स पहुंचे थे.

 

अटलजी के जाने से पूरा देश शोक में डूब गया है. अटलजी के निधन की खबर से देश की राजनीति को गहरा धक्का लगा है. वाजपेयी को गुर्दा (किडनी) नली में संक्रमण, छाती में जकड़न, मूत्रनली में संक्रमण जैसी स्वास्थ्य समस्याओं के बाद 11 जून को एम्स में भर्ती कराया गया था.

 

वाजपेयी तीन बार देश के प्रधानमंत्री रहे. वह पहली बार 1996 में प्रधानमंत्री बने और उनकी सरकार सिर्फ 13 दिनों तक ही रह पाई. 1998 में वह दूसरी बार प्रधानमंत्री बने, तब उनकी सरकार 13 महीनों तक चली थी. 1999 में वाजपेयी तीसरी बार प्रधानमंत्री बने और 5 सालों का कार्यकाल पूरा किया.

 

पीएम मोदी ने अटल बिहारी वाजपेयी के निधन पर शोक जताते हुए कहा कि अटल जी आज हमारे बीच में नहीं रहे, लेकिन उनकी प्रेरणा, उनका मार्गदर्शन, हर भारतीय को, हर भाजपा कार्यकर्ता को हमेशा मिलता रहेगा. ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे और उनके हर स्नेही को ये दुःख सहन करने की शक्ति दे. ओम शांति !

 

अटल बिहारी वाजपेयी जीवन परिचय

 

– 25 दिसंबर 1924 में ग्वालियर में जन्म हुआ

 

– गोरखी स्कूल से स्कूली शिक्षा पूरी हुई

 

– लक्षमीबाई कॉलेज ग्वालियर से स्नातक की पढ़ाई की

 

– डीएवी कॉलेज कानपुर से परास्नातक की उपाधि ली

 

 

 

भारत छोड़ों आंदोलन से सियासी सफर की शुरुआत

 

1942 : भारत छोड़ो आंदोलन में हिस्सा लिया, संघ की गतिविधि में शामिल होने के कारण 24 दिन जेल में रहे

 

1951 : जनसंघ में शामिल हुए, 1957 में दल के नेता के रूप में स्थापित हुए

 

1957 : पहली बार उत्तरप्रदेश के बलरामपुर से लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए

 

1962 : राज्यसभा के लिए पहली बार निर्वाचित हुए

 

1968 : जन संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने

 

1975 : आपातकाल के दौरान गिरफ्तार किया गया

 

1977-79 : मोराजी देसाई सरकार में विदेशमंत्री बने

 

1980 : भाजपा की स्थापना की और नई पार्टी के अध्यक्ष बने

 

1996 : लोकसभा चुनाव जीतने पर प्रधानमंत्री बने, पर 13 दिन ही चली सरकार

 

19 मार्च 1998 : मध्यावधि चुनाव में भाजपा के नेतृत्व वाली गठबंधन को जीत मिली, दूसरी बार बने प्रधानमंत्री

 

17 अप्रैल 1999 : एक वोट से विश्वास मत हारने के बाद प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दिया

 

13 अक्तूबर 1999 : चुनाव में जीत मिलने के बाद एक बार फिर प्रधानमंत्री पद की शपथ ली

 

13 मई 2004 : लोकसभा चुनाव के नतीजों में भाजपा को मिली हार के बाद प्रधानमंत्री पद से त्यागपत्र दिया

 

फरवरी 2009 : फेफड़े में संक्रमण के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया, वेंटिलेटर पर रखे गए

 

25 दिसंबर 2014 : सरकार ने उनके जन्म दिन को गुड गवर्नेंस डे के तौर पर मनाने का ऐलान किया.

 

27 मार्च 2015 : देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न देने का ऐलान किया गया.

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