एक एक शख्स के हैं हज़ारों वोट, घेरे में बीजेपी सरकार, चुनाव आयोग ने जांच शुरू की

नई दिल्लीम : क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि किसी एक शख्स के पचासों वोट हों. अलग अलग नाम से एक ही शख्स के कई वोट हों और वो भी अलग अलग बूथ पर और अलग अलग सीट पर. कल्पना छोड़िए ये हकीकत है. इस तरह के 60 लाख फर्जी वोटरों का पता लगाया गया है.

अगर ये वोटर पकड़े न जाते तो आने वाले चुनाव में चुनाव का रुख ही बदल जाता. गड़बड़ी को किसी और ने नहीं मध्य प्रदेश की कांग्रेस पार्टी ने पकड़ा है. राज्य में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और ज्यादातर लोगों का अनुमान है कि इस चुनाव में बीजेपी के लिए मुश्किलें हो सकती है.

कांग्रेस ने जब ये सब मामला सामने लाकर रख दिया तो अब चुनाव आयोग ने एक टीम बनाने का फ़ैसला किया है जो भोपाल और नर्मदापुरम जाएगी. ये टीम सात जून तक चुनाव आयोग को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी. इससे पहले रविवार को मध्यप्रदेश कांग्रेस के कई बड़े नेता दिल्ली में चुनाव आयोग के मुख्यालय पहुंचे और आरोप लगाया कि राज्य में क़रीब साठ लाख फ़र्ज़ी वोटर हो सकते हैं.

आयोग में शिकायत करने से पहले कांग्रेस के इन नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ये दावा किया कि एक तरफ़ राज्य की आबादी 24% बढ़ी है तो दूसरी तरफ़ मतदाता चालीस फीसदी बढ़ गए हैं.

कांग्रेस का आरोप है कि साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनज़र सत्तारूढ़ बीजेपी मध्यप्रदेश में वोटर लिस्ट में बड़े पैमाने पर धांधली कर रही है. कांग्रेस ने इसके लिए कई उदाहरण भी दिए जिसमें एक ही फोटो और एक नंबर पर कई कई मतदाता पहचान पत्र बनाए गए हैं. गौरतलब है कि एक स्टार्टअप the politics dot in ने दावा किया था कि कई पोलिंग बूथ में एक नाम से और एक तस्वीर पर कई- कई मतदाता हैं. the politics dot in की गड़बड़ियों वाली मतदाता सूची एनडीटीवी के हाथ भी लगी थी. चुनाव आयोग ने इसे देखने के बाद लिस्ट से खामियां दूर करने की बात कही थी.

कांग्रेस ने कहा था कि इन दस्तावेजों का पुलिंदा वो दिल्ली लेकर जाएंगे क्योंकि प्रदेश में ऐसे 1-2 नहीं बल्कि 60 लाख फर्जी वोटर हैं जिसे सराकर ने प्रशासन की मदद से तैयार किया है. कांग्रेस प्रवक्ता मानक अग्रवाल ने कहा था, ‘एक फोटो है, 40 लोग मतदान कर रहे हैं, उसमें भी पुरूष हैं, महिला भी. पूरे मध्यप्रदेश में हुआ है, हमें जो जानकारी है उसमें 60 लाख फर्जी वोट तैयार किये गये हैं, सारे कलेक्टरों का उपयोग किया गया है. उनको माध्यम बनाया है बीजेपी सरकार ने.

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