मीरा के वोट कटें तो केजरीवाल की मुसीबत, जानिए राष्ट्रपति चुनाव का दिल्ली का गणित

नई दिल्ली : दिल्ली विधानसभा में राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटिंग शुरू हो गई है. इस बार चुनाव में जितना अहम वोटिंग रामनाथ कोविंद और मीरा कुमार के लिए है उतनी ही अहम अरविंद केजरीवाल के लिए. जानकारों का कहना है कि दिल्ली में अगर मीरा कुमार को 65 से कम वोट मिलते हैं तो इसका मतलब होगा कि आम आदमी पार्टी में केजरीवाल से ज्यादा बीजेपी को चाहने वाले विधायक है.

अबतक जो ब्रेकअप है. उसके हिसाब से दिल्ली 70 सीटों वाली दिल्ली विधानसभा में 69 विधायक है. वेद प्रकाश जो कि बवाना से विधायक थे, अब विधायक नहीं हैं इसलिए एक सीट कम है. इनमें से कपिल मिश्रा और कर्नल सेहरावत खुले तौर पर बीजेपी के पक्ष में खड़े हैं. असीम अहमद खान और पंकज पुष्कर की स्थिति स्पष्ट नहीं है असीम अपने चुनाव क्षेत्र में बीजेपी का साथ देना अफोर्ड नहीं कर कते इसलिए उन्हें मीरा कुमार के हक मे ही माना जा रहा है.

इसी तरह पंकज पुष्कर भी केजरीवाल से अलग होने के बावजूद वैचारिक रूप से बीजेपी के खिलाफ हैं. यानी दोनों को 50 प्रतिशत आसार दोनों तरफ हैं. यानी आम आदमी पार्टी के 65 विधायक तो मीरा कुमार के साथ होने ही चाहिए.

ये भी देखना रोचक होगा कि चूंकि व्हिप नहीं है ऐसे में कई ऐसे आप विधायक भी हैं जो बीजेपी से ज़्यादा कांग्रेस विरोधी माने जाते हैं, उनका रुख किधर रहेगा. यानि बेशक केजरीवाल ने मीरा कुमार को समर्थन की घोषणा कर दी हो लेकिन दिल्ली विधानसभा से राष्ट्रपति चुनाव में चौंकाने वाले आंकड़े आ सकते हैं. और अगर 10 भी विधायक मीरा कुमार को वोट नहीं करते तो इसका मतलब साफ होगा कि बीजेपी आप में सेंध लगाने में कामयाब हो गई है.