राष्ट्रपति भवन में रहेंगे लिली, कालू, किशमिश, कट्टी ?

नई दिल्ली : महामहिम बनने जा रहे बिहार के राज्यपाल रामनाथ कोविंद के परिवार में कुछ ऐसे मैंबर भी हैं जिनके राषट्रपति भवन जाने पर सवाल बना हुआ है. ये सदस्य इंसान तो नहीं हैं, लेकिन कोविंद  के परिवार के लिए उनकी अहमियत बहुत ज़्यादा है. कोविंद के परिवार के सदस्य की तरह अहम हैं. लिल्ली, कालू, किशमिश, कट्टी, शेरू, ब्लैकी और एक दो और. ये आधा दर्जन देसी कुत्ते, जो कोविंद के घर के बाहर ही रहते हैं. राज्यपाल  बनने से कुछ वक्त पहले रामनाथ कोविंद के परिवार ने 144, नार्थ एवेन्यू में रहना शुरू किया.

कोविंद के परिवार में उनकी पत्नी, एक बेटा,बहु और बेटी हैं. अब सवाल ये है कि परिवार के ये सड़क छाप सदस्य यानी आवार कुत्ते जो कि पालतू है वहीं पर रह जाएंगे या राष्ट्रपित भवन जाएंगे. पशु प्रेमी कहते हैं कि राष्ट्रपति के साथ रहने से ज्यादा ज़रूरी है कि इन्हें इनकी असली जगह पर ही रखा जाए और इनकी देखभाल की जाए. कुत्तों की भावनात्मक जरूरत पूरा करने के लिए राष्ट्रपति के परिवार के सदस्य यहां आकर उनसे मिलते रहें.

साउथ एवेन्यु के कुत्तों के रायसीना ले जाने से ये कुत्ते तो परेशान होंगे ही राष्ट्रपति भवन के कुत्ते भी डिस्टर्ब होंगे. आपस में कुत्तों का लड़ाई झगड़ा भी मुमकिन है. इसलिए इनको अपनी जगह पर ही ठीक से रखे जाने की संभावना ज्यादा है.

दूसरी तरफ कुछ लोगों का मानना है कि राष्ट्रपति भवन में जगह की कमी नहीं अगर कोविंद कुत्तों को अपने साथ ले जाते हैं तो ठीक रहेगा. लेकिन बड़ा सवाल ये है कि राष्ट्रपति क्या कदम उठाते हैं. उन्हें अपनी जगह पर ही बने रहने देना चाहते हैं या रायसीना हिल पर ले जाते हैं.

राष्ट्रपति का परिवार इन देसी कुत्तों का बेहद खयाल रखता है. हर दिन बकायदा वक्त से इन कुत्तों को सुबह करीब 2 किलो दूध, दोपहर में रोटी और चिकन वगैरह और रात में दूध रोटी इनकी खुराक का हिस्सा है. अगर इनमें से किसी भी कुत्ते को चोट लग जाए या वह घायल हो जाए तो परिवार उनका इलाज भी करता है. कोविंद जी की बहू जो पेशे से टीचर हैं वह खासतौर पर इन कुत्तों का बहुत ख्याल रखती हैं. कुछ लोग कहते हैं कि कोविंद अगर राष्ट्रपति बने हैं तो इसमें इन कुत्तों की किस्मत भी है.

किसी भी कुत्ते को चोट लग जाता है या थोड़ा-सा भी ज़ख्म होता है, तो उसे इलाज के लिए अस्पताल ले जाता है परिवार. कोविंद जी के पड़ोस में रहने वाले एक सांसद के कर्मचारी ने हमें बताया कि एक बार ‘कालू’  नाम के कुत्ते को चोट लग गयी तो खुद कोविंद जी के बेटे इलाज के लिए उसको अस्पताल ले गए. उसी कर्मचारी ने बताया कि एक बार नगर निगम की गाड़ी लिली को पकड़ कर ले जा रही थी, तो परिवार ने उसको उतरवा कर रोक लिया.

ये कुत्ते भी अपना फर्ज बखूबी निभाते हैं. कोविंद जी के फ्लैट के आस-पास ये वफादारी के साथ चौकीदारी करते हैं और पूरी हिफाज़त करते हैं. खास तौर पर कोई संदिग्ध व्यक्ति आता तो उस पर भौंकने लगते हैं.