एक बटन दबते ही दुनिया खत्म, सनकी ट्रंप ने बनाई खतरनाक नीति

वाशिंगटन: जहां निरस्त्रीकरण और परमाणु खतरे की बड़ी बड़ी बातें हो रही हैं. भारत जैसे देशों पर रोज़ रोज़ हथियार कम करने के लिए दबाव है वहीं मौत का जखीरा लेकर बैठे अमेरिका ने दुनिया को मौत की तरफ एक कदम और आगे धकेल दिया है. कल्पना कर सकते हैं कि अगर ये हथियार चला दिया गया. एक बटन दबा तो एक झटके में अचानक आपके आसपास के सभी लोग आपके परिचित, आपके परिवार के लोग, और आपकी दुनिया का हर शख्स तड़प तड़पकर मर रहा होगा और आप कुछ नहीं कर पा रहे होंगे और दर्द से तड़प तड़प कर दम तोड़ देंगे. लेकिन ऐसे हथियार  अफसोस की बात ये हैं कि इस मामले पर दुनिया के सभ्य देश चुप हैं.

होना तो ये चाहिए कि दुनिया परमाणु हथियारों को हमेशा के लिए खत्म कर  दे. लेकिन अमेरिका में ट्रंप प्रशासन ने अपने परमाणु हथियारों के जखीरे को आधुनिक करने की नई नीति की घोषणा कर दी है.अमेरिका देश की अपने सबसे बड़े मौत के सामान के भंडार को और बढ़ाने जा रहा है. ट्रंप की नयी नीति कि खासियत ऐसे परमाणु हथियार बनाना है जिनका इस्तेमाल जब चाहे किया जा सकते. क्योंकि अमेरिका छोटे परमाणु हथियार बना रहा है.

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि यह णनीति 21वीं सदी में सामने आ रहे विभिन्न खतरों का सामना करने के अनुरूप तैयार की गई है. पेंटागन में 2018 न्यूक्लियर पोश्चर रिव्यू (एनपीआर) के जारी होने के बाद ट्रंप ने कहा कि इसका लक्ष्य हमारे परमाणु कमान, नियंत्रण, संचार, हमारी सेना के तीनों अंगों,  दोहरी क्षमता वाले विमानों और परमाणु बुनियादी ढांचे को आधुनिक बनाना है.

बेशर्मी ये है कि ट्रंप अपनी मारक क्षमता को बढ़ाने के साथ ही अप्रसार की बातें कर रहे हैं ट्रंप ने कहा -यह शस्त्र नियंत्रण और परमाणु अप्रसार की भी हमारी प्रतिबद्धता को दोहराता है. साथ ही यह परमाणु परीक्षणों पर रोक बनाए रखता है और ‘परमाणु आतंकवाद को रोकने, पता लगाने और उसपर प्रतिक्रिया देने के प्रयासों में सुधार के लिए भी प्रतिबद्ध है.

नई नीति 100 पन्नों की है और इसकी प्रस्तावना में रक्षा मंत्री जिम मेटिस ने कहा है कि एक प्रभावी परमाणु प्रतिरोध बनाए रखना युद्ध लड़ने की तुलना में कम महंगा है. यानी परमाणु हथियार रखने से युद्ध नहीं होता. लेकिन अगर एक सनकी शख्स के हाथ में परमाणु हथियार लग जाए तो एक झटके में दुनिया खत्म हो सकती है.

मेटिस ने कहा कि हम अपनी परमाणु क्षमताओं को प्रभावी बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं जबकि अमेरिका सशस्त्र नियंत्रण परमाणु अप्रसार और परमाणु सुरक्षा विषयों से पीछे नहीं हटा है. उन्होंने कहा कि परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) का लक्ष्य हासिल करने की हमारी प्रतिबद्धता अब भी मजबूत बनी हुई है.

मेटिस ने कहा कि रूस और चीन राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए पूरी तरह से नई परमाणु क्षमताओं को विकसित कर रहे हैं. साथ में पारपंरिक सेना को भी आधुनिक किया जा रहा है जो अमेरिका की पारंपरिक सैन्य श्रेष्ठता के लिए चुनौती है.

मेटिस ने कहा कि रूस इन हथियारों के साथ ही अन्य प्रणालियों को भी आधुनिक कर रहा है. अमेरिकी रक्षा मंत्री ने कहा कि सबसे ज्यादा परेशान करने वाला यह है कि रूसी सेना ऐसी रणनीतियों और क्षमताओं को स्वीकार कर रही है जो सफलता के लिए परमाणु विस्तार पर भरोसा रखती है. उन्होंने कहा कि इन घटनाक्रमों के साथ रूस द्वारा क्रीमिया पर कब्जा करना और हमारे सहयोगियों पर परमाणु हमले करने की धमकी देना बताता है कि मास्को महाशक्ति की प्रतिस्पर्धा में लौटने की मंशा रखता है.

रिपोर्ट में उत्तर कोरिया और ईरान का भी जिक्र है. इस रपट में पाकिस्तान का कोई जिक्र नहीं है जबकि अमेरिका के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पहले पाकिस्तान में परमाणु हथियारों की सुरक्षा को लेकर चिंता जाहिर की थी.

बहरहाल ट्रंप जैसे सनकियों के कारण दुनिया का भविष्ट एक बटन में सिमट गया है. दुखत ये है कि भारत जैसे लोग भी इस पर चुप हैं.