कहीं 2000 का नोट भी बंद तो नहीं हो जाएगा? आरबीआई से नहीं आ रहे नये नोट, इकोनॉमिक टाइम्स की खबर

नई दिल्ली: मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पिछले कुछ हफ्तों से बाजार में 2000 रुपये के नोटों में कमी आई है. इकोनॉमिक्स टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार बैंक और एटीएम वाले भी इस कमी से परेशान हैं. खबरों के अनुसार पिछले कुछ हफ्तों से आरबीआई भी दो हजार रुपये के नोटों की कम सप्लाई कर रहा है. इन दोनों बातों से बाजार में ये आशंका प्रबल हो रही है कि मोदी सरकार जानबूझ कर दो हजार रुपये के नोटों की सप्लाई कम कर रही है. इसके दो मतलब हो सकते हैं एक तो ये कि बड़े नोट बैंकों से पहले ही कहीं और जा रहे हैं दूसरा ये कि मोदी सरकार 2000 रुपये के नोट भी कहीं बंद करने की तैयारी नहीं कर रही.

एसबीआई के सीओओ ने ईटी से कहा कि रिजर्व बैंक से उन्हें 500 रुपये के नोट ज्यादा मिल रहे हैं. व्यास के अनुसार दो हजार रुपये के नोट केवल वही हैं जो बाजार में पहले से मौजूद हैं. देश के कुल 2.2 लाख एटीएम में से 58 हजार एटीएम एसबीआई के हैं.

एसबीआई देश का सबसे बड़ा बैंक है. नोटबंदी के बाद 500 और 2000 के नए नोटों को देने के लिए रीकैलिब्रेशन की प्रक्रिया सबसे तेजी से एसबीआई ने पूरी की थी. लेकिन अब बैंक को दो हजार रुपये के नोटों की कमी की वजह से एटीएम मशीन में पैसे उपलब्ध कराने में दिक्कत हो रही है. ईटी ने आरबीआई को इस बारे में ईमेल लिखकर जवाब मांगा तो उसे कोई उत्तर नहीं मिला.

नोटबंदी से पहले बाजार में करीब 17 लाख करोड़ रुपये के नोट मौजूद थे. रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार जून 2017 तक बाजार में करीब 14.5 लाख करोड़ रुपये के नोट मौजूद थे. रिजर्व बैंक के आंकड़ों के आधार पर हिताची द्वारा किए गए अध्ययन में कहा गया कि मई तक बाजार में 100 रुपये के नोट में करीब चार लाख करोड़ रुपये अभी चलन में हैं जबकि नोटबंदी से पहले 100 रुपये के नोट में करीब 2.5 लाख करोड़ रुपये ही चलन में थे. वहीं नोटबंदी से पहले 500 रुपये के नोट में 8.1 लाख करोड़ रुपये चलन में थे, जबकि मई तक 4.1 लाख करोड़ रुपये चलन में थे.