राम देव के फूड पार्क के शिफ्ट होने की वजह अखिलेश यादव तो नहीं

बाबा रामदेव का ग्रेटर नोएडा वाला फूडपार्क योगी आदित्यनाथ की सरकार ने रद्द कर दिया है. ये फैसला उस दिन आया जब अमितशाह बाबा रामदेव को मनाने के लिए उनसे मिलने गए . अब ये पार्क उत्तर प्रदेश से बाहर शिफ्ट किया जाएगा अखिलेश यादव ने इस फूड पार्क की आधारशिला रखी थी. लोगों को आशंका है कि कहीं इसीलिए तो योगी ने पार्क में ब्रेक नहीं लगा दिया.

मंगलवार को पतंजलि कंपनी के एमडी आचार्य बालकृष्ण ने बाकायदा ट्वीट के ज़रिए बताई. पतंजलि ग्रुप के प्रवक्ता ने इस मेगा फूड पार्क के शिफ्ट होने की वजह बताई है. उनके मुताबिक ये पूरा मामला जमीन के टाइटल सूट से जुड़ा हुआ है. इतना ही नहीं यही नहीं इस वजह से दो और फूड पार्क को लेकर भी दिक्‍कत हो सकती है.’

पतंजलि ग्रुप के प्रवक्ता एस के तिजारावाला के मुताबिक, ‘नोएडा में बनने वाले पतंजलि फूड पार्क की जमीन के टाइटल सूट के लिए केंद्र सरकार की ओर से दो बार नोटिस भेजा गया था. लेकिन योगी सरकार की ओर से पतंजलि को टाइटल सूट नहीं सौंपा गया. वहीं, पतंजलि ग्रुप के एमडी आचार्य बालकृष्‍ण भी उत्तर प्रदेश सरकार पर काम न करने का आरोप लगा रहे हैं.

उनका भी कहना है, ‘उत्तर प्रदेश सरकार के जो भी नुमाइंदे हैं उन्‍होंने काम नहीं किया तो हम फूड पार्क शिफ्ट कर रहे हैं. उन्‍होंने कार्य नहीं किया ये सच बात है. आप हमारी फाइलों के बारे में पता करें. पता करेंगे तो पता चलेगा कि सरकार काम नहीं कर रही सिर्फ धींगा-मस्ती हो रही है.’

बाबा रामदेव का कहना है कि ‘केंद्र सरकार के मंत्रालय फूड प्रोसेसिंग मिनिस्ट्री ने अनुमति दी थी और कहा था कि जल्द से जल्द यहां पर मेगा फूड पार्क बना लें. लेकिन योगी सरकार ने इसके प्रति उदासीनता पूर्ण रवैया दिखाया और उस को निरस्त कर दिया.’

1666.80 करोड़ रुपये की परियोजना

बता दें, इस परियोजना की लागत 1666.80 करोड़ रुपये थी. ये फूड पार्क 455 एकड़ में बनना था. बाबा रामदेव के मुताबिक, इस फूड पार्क से 8000 से अधिक लोगों को सीधा रोजगार और 80 हजार लोगों को परोक्ष रोजगार मिलता. अखिलेश यादव ने मुख्‍यमंत्री रहते हुए इस फूड पार्क की आधारशिला रखी थी.

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