जेल के कैदी भी कर सकते हैं करोड़ों की कमाई, बाहर आकर कैदी ने बताया तरीका

नई दिल्ली:  आप मानें या न मानें लेकिन जेल में कैदी रहकर भी लोग करोड़ों की कमाई कर सकते हैं. बिहार की जेलों से बाहर आए एक कैदी ने सबूतों के साथ ये खुलासा किया है. इस कैदी ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए और जेल के अंदर मोबाइल से खींची गई सेल्फियां भी पेश कीं.

खुलासा करने वाला सौरभ ठाकुर कोई और नहीं बल्कि पेशे से इंजीनियर हैं और उसने बीटेक किया है. 15 दिन पहले सौरभ को शराब पीने के आरोप में पुलिस ने कटिहार में गिरफ्तार किया था. 2 मई को उसे मंडलकारा कटिहार भेजा गया. जहां उसने जेल के अंदर के काले कारनामे को देखा.

सौरभ ने बताया कि जेल के अंदर किसी चीज की कमी नहीं है बस पैसा होना चाहिए. पैसा हो तो सबकुछ उपलब्ध है. पैसे पर मोबाइल मिलता है. उसने खुद बताया कि दो मोबाइल फोन वो खुद लेकर जेल के अंदर गया. जिसके एवज में उसे मोटी रकम देनी पड़ी थी.

सौरभ का यहां तक कहना है कि पैसा हो तो जेल में शराब, कबाब और शबाब भी उपलब्ध हो सकता है. हालांकि सौरभ के इस आरोप से जेल प्रशासन इंकार करता है जेल के सुप्रीटेन्डेन्ट का कहना है कि वार्ड जैसी नीलामी की कोई बात नहीं है. मोबाइल के लिए समय-समय पर छापेमारी होती है.

सौरभ नाम के कैदी का मोबाइल भी जब्त किया गया है हालांकि जेल प्रशासन ने इस मामले में अभी तक एफआईआर तक दर्ज नहीं कराई है.

सौरभ ने बताया कि जेल के वार्ड की नीलामी होती है. वो नीलाम जेल के सुप्रीटेन्डेट खुद करते हैं और नीलामी में हिस्सा कैदी लेते हैं. जो कैदी जितना ज्यादा कीमत लगाता है उसे वार्ड दे दिया जाता है. इसके बाद ठेका लेने वाला कैदी उस वार्ड के कैदियों के घर वालों को फोन करके रंगदारी वसूलता है. पैसा न मिलने पर उस कैदी को टॉर्चर किया जाता है. उसके पास अधिकार होता है कि वो किस कैदी को क्या सुविधा उपलब्ध कराए. हर सुविधा के लिए उसके पास पैसे कमाने का हक होता है. बिहार में भले ही शराब पीने पर रोक हो लेकिन जेल में पैसे देकर शराब मिल सकती है.

सौरफ के मुताबिक ये किसी एक जेल की कहानी है ऐसे बहुत से मामले सामने आए हैं. पैसे लेकर मुलाकातियों से कैदियों की मुलाकात कराना आम बात है. लेकिन सौरभ ने जो आरोप कटिहार मंडल कारागार के लिए लगाए हैं वो वाकई गंभीर हैं और सरकार को इसकी जांच करनी चाहिए.