इंडिया में ऐसे बेचे जाते हैं सैक्स टॉय, BBC रिपोर्ट में जानिए क्या कर रही हैं कंपनियां?


नई दिल्ली: सैक्स लीगल हो या इललीगल, कानूनी हो या गैर कानूनी. भारत में सैक्स छिपा कर ही किया जाता है. पति पत्नी के सैक्स को भले ही सामाजिक मान्यता मिली हुई हो लेकिन जब वो मिलते हैं तो छिपाकर. आधे नौजवान तो कंडोम खरीदने से पहले कलेजा पक्का करते हैं. 50 बार प्रेक्टिस करते हैं तब दुकान पर जाते हैं. आपस में कंडोम की बात करते समय कभी उसे सेफ्टी बोलते हैं तो कभी गुब्बारा ताकि कोई समझ न सके कि कंडोम की बात हो रही है. और जब सैक्स टॉय की बात होती है तो मामला और भी गंभीर हो जाता है.

हाल में बीबीसी ने भारत में इन चीज़ों के व्यापार और लोगों के व्यवहार को लेकर एक पड़ताल की.मुंबई में ‘दैट्स पर्सनल’ नाम की एक कंपनी है जो भारतीयों में सेक्स और उससे जुड़े उत्पादों को लेकर शर्म और वर्जना को ख़त्म करने की कोशिश कर रही है. जाहिर बात है इस कंपनी की कमाई इसी में है.

बीबीसी के मुताबिक ‘दैट्स पर्सनल’ कंपनी के संस्थापक समीर सरैया का दावा है कि वह भारतीयों के बीच इस लज्जा को ख़त्म करने की कोशिश कर रहे हैं.

दैट्स पर्सनल कंपनी एडल्ट्स गेम, वाइब्रेटर्स समेत ऐसे कई उत्पादों को बेचती है. समीर ने कहा कि वह भारतीय बाज़ार में दुनिया के बेहतरीन उत्पादों को मुहैया कराने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि कई भारतीय लोग तो कंडोम मांगने में भी शर्म महसूस करते हैं.

समीर ने कहा, ”यहां लोगों को कंडोम लेना होता है तो काउंटर पर आकर वो कहते हैं कि उन्हें ‘एक्स’ चाहिए. लोग कंडोम मांगने के लिए एक्स को कोड वर्ड के रूप में इस्तेमाल करते हैं. लोग कंडोम को ब्लैक प्लास्टिक में ले जाते हैं ताकि कोई देख न ले.”

इन उत्पादों को लेकर भारतीयों के ऐसे व्यवहार के बीच बिज़नेस करना कितना आसान है? समीर का कहना है कि भारत का क़ानून बहुत जटिल है. हमारे पास इन उत्पादों का एक छोटा सबसेट होता है जो भारत में वैध है.

उन्होंने कहा, ”दूसरी बात यह कि ये उत्पाद भारत में कभी उपल्ब्ध नहीं रहे हैं. ऐसे में लोगों को हमें समझाने में कड़ी मेहनत करनी पड़ती है कि इसके क्या फ़ायदे हैं.”

समीर ने कहा, ”इस सामानों को बेचने में काफी मुनाफ़ा होता है, ऐसे में हम इस बिज़नेस के साथ बने हुए हैं.”