नवाज गए तो मोदी को होगा निजी नुकसान, जानिए 2019 में कैसे काम आ सकते थे नवाज़

नई दिल्ली: पनामागेट लीक्स में पाकिस्तान के पीएम नवाज शरीफ अगर फंसते हैं तो भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए ये निजी क्षति होगी. ताज़ा खबरों के मुताबिक पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ पनामा गेट मामले में बुरी तरह घिर चुके हैं. नवाज के साथ-साथ उनकी बेटी मरियम शरीफ और परिवार के अन्य सदस्य भी घेरे में हैं. सिर्फ घेरे में ही नही जांच समिति ने भी नवाज के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज करने के सिफारिश पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट से की है.

टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, JIT ने पाकिस्तानी पीएम नवाज शरीफ, उनके बेटे हसन नवाज, हुसैन नवाज और बेटी मरियम नवाज के खिलाफ राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो अध्यादेश, 1999 के तहत करप्शन का मामला दर्ज करने की सिफारिश की है. साफ तौर पर अब नवाज की कुर्सी पर खतरा मंडरा रहा है.

अगर नवाज शरीफ की कुर्सी जाती है, तो कमान उनके भाई शहबाज शरीफ को मिल सकती है. लेकिन फिर भी वो बात नहीं रहेगी जो मोदी और नवाज के बीच थी. जानकारों का कहना है कि दोनों की कैमिस्ट्री बहुत अच्छी है और स्मय समय पर एक दूसरे के काम भी आते रहते हैं.

सबसे पहले जानते हैं अंदर की बात. विश्लेषकों का कहना है कि हाल का पाकिस्तान और भारत का तनाव सिर्फ पनामागेट पर नवाज शरीफ को बचाने की नीयत से ही बढ़ाया गया था. सर्जिकल स्ट्राइक के ज़रिए पाकिस्तान में लोगों का ध्यान मूल मुद्दे से भटकाने के लिए ज़मीन तैयार की गई थी.

इतना नहीं नहीं जानकार दोनों के बीच के संबंधों को लेकर कई मिसालें देते हैं. नवाज शरीफ को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के तौर पर 26 जनवरी की परेड में मेहमान बनाने का श्रेय पीएम मोदी को ही जाता है. इतना ही नहीं नवाज की बेटी की शादी में हिस्सा लेने पीएम मोदी. सीधे लाहौल पहुंच गए थे जबकि उसी दिन अटल बिहारी बाजपेयी का जन्मदिन था. मोदी ने वादा भी किया था लेकिन उन्होंने लाहौर जाना उचित समझा.

जानकार कहते हैं कि दोनों नेताओं के बीच संबंध इतने अच्छे थे कि अपनी ज़रूरत के हिसाब से बॉर्डर पर तनाव कम ज्यादा करने की हालत में थे. अगर ये सही है तो 2019 में नवाज मोदी के बेहद उपयोगी हो सकते थे.

कुछ शक करने वाले लोग तो ये भी मानते हैं कि नवाज को कमजोर पड़ता देखकर मोदी ने चीन से समीकरणों में बदलाव किया. अगर सुप्रीम कोर्ट कमेटी की सिफारिश को मान लेता है तो नवाज शरीफ को अगले हफ्ते तक कुर्सी छोड़नी पड़ सकती है

जाहिर बात है ये मोदी के लिए निजी नुकसान ही है . देश के तौर पर पाकिस्तान में नवाज के कमज़ोर पड़ने से वहां आर्मी मजबूत होगी . इसका मतलब है कि कश्मीर में घुसपैठ बगैरह तेज होगी.