राष्ट्रपति चुनाव में बीजेपी के इस मंत्री का वोट खतरे में, चुनाव आयोग ने रद्द कर दी थी सदस्यता

नई दिल्ली : मप्र सरकार के मंत्री नरोत्तम मिश्रा का नाम राष्ट्रपति चुनाव की मतदाता सूची में नही होगा यह कयास कई दिनों से लगाये जा रहे थे इसी आधार पर वो न्यायालय भी गये हैं . गुरुवार को आयोग द्वारा जारी सूची में उनका नाम नही है . इत्तेफ़ाक़ है गुरुवार को इसी मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय में सुनवाई भी हुई है , तक़रीबन साढ़े तीन घन्टे चली जिरह के बाद फ़ैसला सुरक्षित है . संभावना है शुक्रवार को इस मामले में फ़ैसला सुनाया जा सकता है.

रिज़वान अहमद सिद्दीकी,
प्रधान संपादक, न्यूज़ वर्ल्ड चैनल

राष्ट्रपति चुनाव के मद्देनज़र ही सुप्रीम कोर्ट ने याचिका का निर्णय चुनाव के पहले करने के निर्देश के साथ आवश्यकता पड़ने पर सुनवाई अवकाश के दिनों में भी करने को कहा है . अब देखना यह है कि दिल्ली हाईकोर्ट मतदाता सूची के मामले में फ़ैसला लेगा या फिर पूरे मामले निर्णय होगा.

फ़िलहाल मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा दतिया से विधायक है उनकी सदस्यता पर निर्णय राज्यपाल को लेना है . चुनाव आयोग को इस सन्दर्भ में केवल सलाह देने का अधिकार है , इस आशय की सलाह पूर्व में ही चुनाव आयोग पत्र के माध्यम से राज्यपाल और विधान अध्यक्ष को भेज चुका है. जिसपर विधानसभा अध्यक्ष सीतासरन शर्मा मीडिया के समक्ष अपनी राय भी दे चुके हैं , उनका मानना है फ़ैसला 2008 के चुनाव के लिये है जिसका कार्यकाल समाप्त हो चुका है इसलिये 2013 में नया जनादेश पाने के बाद पद रिक्त करने की आयोग का यह सलाह मानी नही जा सकती है .

इस तकनीकी आधार पर फ़िलहाल डॉ नरोत्तम मिश्रा की सदस्यता आगामी निर्णय तक बरक़रार रहेगी . चुनाव आयोग को चुनाव लड़ने के लिये अयोग्य घोषित करने काअधिकार है , इसी आधार पर नरोत्तम मिश्रा का नाम सूची से हटा दिया गया है. इसपर भी जानकारों के अपने अपने मत हैं कुछ कहते हैं मतदाता सूची को अंतिम रूप देने का अधिकार आयोग को है इसलिये नाम काटा जा सकता है तो कुछ लोगों का मानना है कि जब आयोग की सलाह पर निर्णय लंबित है तो विधानसभा द्वारा विधायकों की भेजी गई सूची से नाम अलग नही किया जा सकता है.

आयोग के इस ताज़ा फ़ैसले के अब सबकी निगाह उच्च न्यायालय दिल्ली के फ़ैसले पर है फ़िलहाल संशय बना हुआ है कि मिश्रा मतदान कर पाएंगे या नही .