नुक्कड़ नाटकों से संस्कृति बचाने की कोशिश, ‘गड्ढा’ बना माध्यम

नोएडा लोकमंच अपने सांस्कृतिक प्रकल्प पहला कदम संस्कृति की ओर नाम से नोएडा में चलाई जा रही मुहिम में इसबार नुक्कड़ नाटक पर बात हुई.

“पहला कदम संस्कृति की ओर” और निशांत नाट्य मंच के साथ मिलकर ‘गड्ढा’ नाटक का मंचन किया गया. यह मंचन शहर के तीन स्थानों पर किया गया. पहले सेक्टर 15 की डी ब्लॉक पार्क में किया गया, इसके बाद दोपहर में सेक्टर 39 की डिग्री कॉलेज यह नाटक प्रस्तुत किया गया.  शाम को यह नाटक नोएडा के स्टेडियम गेट नंबर 4 के पास आयोजित किया गया.

मीडिया प्रभारी मुकुल वाजपेयी के मुताबिक गड्ढा नाटक जाने-जाने लधु कथा लेखक कृष्ण चंदर की लधु कहानी पर आधारित है.  जिसमे आज के समाज की विसंगतियो पर चोट की गई है. कहानी में एक गरीब महिला एक गड्ढा में गिर जाती है और लोगो से बाहर निकालने की गुहार लगती और लोगो की क्या-क्या प्रतिक्रिया होती है उसे नुक्कड़ नाटक से प्रस्तुत किया गया है. नाटक शम्सुल इस्लाम, नीलिमा शर्मा, भावना प्रजापति, लाल बहादुर, उम्मेद और ब्रम्ह प्रकाश ने अपनी प्रस्तुति देकर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया.

वाजपेयी के मुताबिक निशांत नाट्य मंच से जुड़कर नुक्कड़ नाटकओं की विधा को आगे बढ़ा रहे शम्सुल इस्लाम निशांत नाट्य मंच के साथ 1971 और नीलिमा शर्मा 77 से जुड़ी हैं, और हजारों नाटक किए हैं.  उनका यह भी कहना है कि जब तक देश दुनिया में गैर-बराबरी का समाज रहेगा, तब तक यह नुक्कड़ नाटक चलते रहेंगे. नीलिमा कहती है कि नुक्कड़ नाटक समाज की विसंगतियों को दर्शाते हैं और बेजुबानओं की जुबान बोलते हैं.

यही कारण है की यह लोगो के बीच संदेश पहुचने का जबरदस्त हथियार हैं, क्योंकि नुक्कड़ नाटक में इसके करैक्टर लोगो के बीच लिए गए होते है और इन नाटकों में जनता के पक्ष को दिखाया जाता है. नुक्कड़ नाटक में जनपक्षीय समस्या हम नाटक करते हैं और नोएडा में भी इसका बहुत अच्छा रिस्पांस मिला है. नोएडा लोक मंच महासचिव महेश सक्सेना, ने कहा की नोएडा में संसकृति जागृति आ रही है. और नोएडा में जितने प्रकार की कला और कलाकार है जुड़ना शुरू हो गए है.

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