नेताओं के बाद अफसरों को ब्लैकमेल करेगी बीजेपी ?

नई दिल्ली :  करप्शन अब धीरे धीरे बीजेपी की ताकत बनता जा रहा है. एक एक करके कई नेता करप्शन खुलने के डर से बीजेपी के सामने सरेंडर करने लगे हैं. नाम लेने से मुसीबत होगी लेकिन गुजरात से यूपी और बिहार तक कई नेता बीजेपी के सामने समर्पण कर चुके हैं. सरकार के सूत्रों के मुताबिक पूछ दबाकर गुलाम बनाने के बीजेपी के अभियान में अगला निशाना अब ब्यूरोक्रेट होने जा रहे हैं.

सूत्र बताते हैं कि देश भर में 15 अगस्त से  बड़े अफसरों के खिलाफ एक अभियान शुरू हो  रहा है . सरकार ने इसके लिए शुरुआती चरण में सभी दागी अधिकारियों और कर्मचारियों की एक लिस्ट बनाई जाएगी. इसके लिए सरकार ने सेंट्रल विजिलेंस कमिशन, तमाम मंत्रालयों और विभागों से दागी अधिकारियों और कर्मचारियों की लिस्ट मांग रही है. इस लिस्ट के आने के साथ ही कर्मचारियों के नाम, उनके खिलाफ लगे आरोप, जांच की स्थिति और उससे जुड़े दस्तावेज सीधे सरकार के हाथ में होगी.

इस सूची के बाद अफसरों के खिलाफ एक्शन शुरू होगा. जानकार कहते हैं कि एक्शन शुरू तो होगा लेकिन बंद कब करना है या उसे ढ़ीला कब छोड़ना है ये सरकार के हाथ में है.

सरकार की ओर से भेजे गए इस लेटर में सख्ती से कहा गया है कि इस डेडलाइन का पालन करना ही होगा. और तय समय सीमा में सरकार को अफसरों के करप्शन की लिस्ट देनी होगी. इसमें यह जिक्र भी करना होगा कि करप्शन के आरोप के बाद उसके खिलाफ किस तरह विभागीय कार्रवाई हुई. इस प्रक्रिया में भ्रष्ट कर्मचारियों को बचाने वालों की भी गर्दन सरकार के हाथ मे होगी

जानकारों का कहना है कि जो अफसर सरकार के हाथ में नहीं आएंगे उनहें बदल कर नये लोग रखें जाएंगे. सरकार बड़े पैमाने पर कॉर्पोरेट से काबिल अफसरों को रखने की भी तैयारी कर रही है. पहले आरोप लगते रहे हैं कि सरकार नामी कॉर्पोरेट घरानों के अफसरों को सरकार में ताकत दे रही है.