आधार डाटा लीकेज के ये हैं सबूत, अब तो मान जाओ सरकार

नई दिल्ली, प्रेट्र :  सरकार लोगों के जबरदस्ती आधार नंबर ले रही है. लेकिन लोगों के डाटा की सिक्योरिटी का भगवान ही मालिक है. अब हालात ये है कि आधार का डाटा आसानी से लोग हासिल कर रहे हैं. और तो और बैंगलौर के एक आदमी ने एक मोबाइल एप बनाया है जिसमें आधार नंबर डालकर किसी की व्यक्तिगत जानकारी हासिल की जा सकती थी. इस एप ने सरकार के प्राइवेसी को सुरक्षित रखने के दावे पर सवाल उठ गया है. हालात ये हैं कि अपनी साख बचाने के लिए सरकार ने उस शख्स के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी है जिसने ये एप्लीकेशन बनाई थी. विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआइडीएआइ) ने इसे अनधिकृत करार देते हुए आधार कानून के तहत मामला दर्ज कराया है. यूआइडीएआइ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अजय भूषण पांडे ने यह जानकारी दी.

अजय भूषण ने यूआइडीएआइ के डाटाबेस में सेंध लगाने या उसे हैक करने की खबरों का खंडन किया है. इस एप के जरिये आधार नंबर वाले व्यक्ति की अनुमति से ही सूचनाएं हासिल की जा सकती हैं. यूआइडीएआइ प्रमुख ने बताया कि इस एप से आधार धारक व्यक्ति खुद की जानकारी डाउनलोड कर रहे हैं. बारह अंकों वाला आधार नंबर डालने पर संबंधित व्यक्ति के मोबाइल पर वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) जाता है. इसके बाद ही जानकारी उपलब्ध होती है.

अजय भूषण ने करोड़ों आधार धारकों की व्यक्तिगत सूचनाएं पूरी तरह सुरक्षित होने की बात कही है. साथ ही उन्होंने सरकारी या यूआइडीएआइ से मान्यता प्राप्त संस्थाओं के अलावा किसी को भी अपना आधार नंबर न देने की सलाह दी है.