जीएसटी कम होने के बावजूद बढ़ेंगे दाम, राहत तो दूर ये तो उल्टा हो गया

सरकार ने जीएसटी की दरों में कमी कर दी है लेकिन इसके बावजूद आपको ये उम्मीद नहीं करनी चाहिए कि दाम कम हो जाएंगे. हालात ये हैं कि टीवी और कार जैसी चीजें सस्ती होने के कोई आसार नहीं दिख रहे हैं. सरकार ने जीएसटी की दरों को तो कम कर दिया लेकिन गिरते दामों को नहीं संभाल सकी. इसके चलते इन प्रॉडक्ट्स से जुड़े पार्ट्स का आयात महंगा साबित हो गया है. अब टीवी और कार मैन्युफैक्चरर्स कीमतें बढ़ाने पर विचार कर रहे हैं.

रुपया इन दिनों एशिया की सबसे खराब परफॉर्मेंस देने वाली करंसीज में से एक है. इन स्थितियों से संकेत मिलते हैं कि रुपये में गिरावट का दौर आने वाले कुछ और दिनों तक जारी रह सकता है.

रुपये में कमजोरी के चलते इंपोर्ट महंगा हुआ है और घरेलू मैन्युफैक्चरर्स के लिए उत्पादन की लागत बढ़ गई है. मारुति सुजुकी के सीनियर डायरेक्टर आर.एस. कालसी ने हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया से बताया, ‘हम रुपये में गिरावट का असर देख रहे हैं.

हम कीमतों का आकलन कर सकते हैं.’ देश की सबसे बड़ी कारमेकर कंपनी बड़े पैमाने पर स्थानीय स्तर पर ही मैन्युफैक्चरिंग करती है. लेकिन, अब अपनी परचेजिंग या फिर वेंडर्स की खरीद के लिए वह काफी हद तक डॉलर पर निर्भर करती है.

कंपनी को बाहर से इलेक्ट्रिकल, इनर पार्ट्स, ईसीयू, इंजन और ट्रांसमिशन पार्ट्स जैसी चीजों का आयात करना पड़ता है. कंपनी की ओर से जापानी पैरेंट फर्म सुजुकी को रॉयल्टी की पेमेंट करनी होती है. इसके अलावा अन्य वैरिएबल्स भी कंपनी के फाइनांस को प्रभावित करते हैं. जापान की ही कंपनी टोयोटा का भी कहना है कि वह रुपये में लगातार गिरावट पर नजर बनाए हुए है.

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