आरबीआई के पास वापस आ गए 1000 के 99% नोट, पर नमो का एक और दावा निकला झूठा

नई दिल्ली : इस बात पर लंबे समय से कयास लगाए जा रह थे कि नोटबंदी से कितने नोट आरबीआई को वापस मिले. पहले आंकड़ा आया कि जितने नोट छापे थे उससे ज्यादा आ गए. इससे सरकार हिल गई. ऐसा कैसे हो सकता है. हर बैंक की चेस्ट ब्रांच में नकली नोटों की जांच होती है और वहां नकली नेट आए ही नहीं थे . बहराल रिजर्व बैंक लीपा पोती मं जुट गया . बार बार आंकड़े मांगे जाते रहे और रिजर्व बैंक कहता रहा कि गिनती हो रही है. इन 8 महिनों में कोई भी अधिकारिक जबाव नहीं दिया गया था. यह आम आदमी से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक के लिए हैरान करने वाली बात थी. लेकिन अब रिर्जव बैंक ऑफ इंडिया यानी आरबीआई ने अपनी वेबसाइट पर बताया है कि लगभग 99 प्रतिशत एक हज़ार के नोट बैंकिंग सिस्टम में वापस आ गए हैं.
आंकड़ों के मुताबिक मार्च 2017 तक 8,925 करोड़ के एक हज़ार के नोट सर्कुलेशन में थे. RBI के मुताबिक, ‘सर्कुलेशन वाले नोट’ वे हैं जो रिजर्व बैंक से बाहर हैं. इस तरह, यह आंकड़ा पिछले साल 8 नवंबर से शुरू होने वाले नोटबंदी के बाद बैंकों में 1,000 के जमा किए गए सभी नोटों का प्रतिनिधित्व करता है.
वित्त राज्य मंत्री संतोष गंगवार के 3 फरवरी को लोकसभा में दिए गए बयान के मुताबिक 8 नवंबर तक 6.86 करोड़ रुपये से ज्यादा के एक हज़ार के नोट सर्कुलेशन में थे. मार्च 2017 तक सर्कुलेशन वाले एक हज़ार के नोट कुल नोटों का 1.3 प्रतिशत थे. इसका मतलब 98.7 प्रतिशत नोट RBI में लौट आए थे . इसका मतलब 98.7 प्रतिशत एक हज़ार के नोट ही आरबीआई में वापस आए हैं.
जेएनयू में अर्थशास्त्र के प्रफेसर सुरजीत मजूमदार ने कहा, ‘जिस तरह एक हज़ार के नोट वापस आए हैं उसी तरह पांच सौ के नोट भी वापस आए होंगे. उन्होंने कहा कि इसका मतलब ये है कि एक हज़ार और पांच सौ के लगभग पूरे नोट वापस आए है, तो कालाधन तो ना के बराबर खत्म हुआ है.’ उन्होंने कहा कि नोटबंदी में 15.4 लाख करोड़ की करंसी चलन से बाहर की गई थी. इसमें से 44 प्रतिशत एक हज़ार के नोट और 56 प्रतिशत पांच सौ के नोट थे.

बता दें कि जून में सरकार ने कहा था कि RBI अब भी वापस आए नोटों की गिनती कर रही है और इसमें अभी समय लग सकता है.