केजरीवाल ने बीजेपी को फिर दी पटखनी, पूरी ताकत लगाकर भी विफल रहे अमित शाह

नई दिल्ली: राष्ट्रपति चुनाव में भाजपा का गेम जमकर चला. पार्टी ने कई पार्टियों के अंदर से वोट जुगाड़ लिए. जमकर क्रॉस वोटिंग हुई. बताया जाता है कि इसबीच कई तरह के खेल हुए यहां तक कि हिसाब किताब के आधार पर भी कुछ वोट एक से दूसरी जगह गए. लेकिन इस पूरी उठापटक के बीच एक बड़ी बात हुई. अरविंद केजरीवाल की पार्टी के अंदर सेंध लगाने में बीजेपी नाकाम रही.

हालांक आम आदमी पार्टी में फूट की खबर लगातार हवा में थी और माना जा रहा था कि कुछ बागी बीजेपी के साथ चले जाएंगे. आप के बागी विधायक कपिल मिश्रा भी दावा कर रहे ते कि कई विधायक केजरीवाल से नाराज़ हैं और वो उन्हें सबक सिखाएंगे. लेकिन इस चुनाव के बाद कपिल के दावे भी गलत साबित हो गए. इस तरह देखा जाए तो राष्ट्रपति चुनाव में सबसे ज्यादा फायदा केजरीवाल को पहुंचा है.

दरअसल पार्टी में फैली इतनी उठापटक के बावजूद भी राष्ट्रपति चुनाव में आम आदमी पार्टी के केवल दो विधायकों ने ही पार्टी की लाइन से हटकर वोटिंग की है. इन में एक कपिल मिश्रा दूसरा कर्नल सेहरावत का नाम माना जा रहा है. ये दोनों ही तकनीकी रूप से आप के विधायक ज़रूर हैं लेकिन पार्टी में होना न होना बराबर है.

सीएम केजरीवाल के लिए दूसरी राहत भरी खबर पंजाब से आई है जहां पार्टी के एक भी विधायक ने क्रॉस वोटिंग नहीं की है. यहां पार्टी के 20 विधायक हैं और केवल एस एस फुल्का ने ही 1984 के दंगो का हवाला देते हुए मतदान में हिस्सा नहीं लिया.