रेल्वे की ड्रीम ट्रेन में ज़हरीला खाना, 25 से ज्यादा लोग अस्पताल में

मुंबई: एक रेल मंत्री की छुट्टी होने के बाद भी रेल्वे में सुधार दिखाई नहीं दे रहा. रेल्वे की सुपर वीआईपी ट्रेन गोवा-मुंबई तेजस एक्सप्रेस का खाना खाने से रविवार को 26 यात्री बीमार पड़ गए हैं. यह कई आधुनिक सुविधाओं से युक्त देश की पहली तेजस एक्सप्रेस है. इसे 24 मई, 2017 को तत्कालीन रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था.

पूर्व रेल मंत्री सुरेश प्रभु के क्षेत्र में चलने वाली इस प्रीमियम ट्रेन में कैटरिंग के लिए खास इंतजाम करने का प्रचार किया जा रहा था. यात्रियों से अच्छा खासा कैटरिंग चार्ज भी लिया जा रहा है. एग्जीक्युटिव क्लास में कैटरिंग के लिए यात्रियों को अतिरिक्त 504 रुपये और एसी चेयरकार में 410 रुपये खर्च करने पड़ते हैं.

सभी बीमार यात्रियों को इलाज के लिए सरकारी और निजी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है. इस ट्रेन में आइआरसीटीसी कांट्रैक्ट के जरिये कैटरिंग की सेवा देती है. मामले में जिम्मेदार देर रात आइआरसीटीसी के एक अधिकारी और कैटरिंग मैनेजर को निलंबित कर दिया गया.
सेंट्रल रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि रविवार को दोपहर लगभग 12.10 बजे खाना खाने के बाद कुछ यात्रियों को उल्टियां होने लगीं.

लगभग सवा तीन बजे बीमार यात्रियों को चिपलून स्टेशन पर उतारकर अस्पतालों में भर्ती कराया गया. ट्रेन गोवा के करमाली से मुंबई के छत्रपति शिवाजी टर्मिनस जा रही थी.

खाने की गुणवत्ता को लेकर उठाए जा रहे सवालों पर आइआरसीटीसी ने ट्वीट के जरिये जवाब दिया है. एक के बाद एक ट्वीट करते हुए इसने कहा कि 230 लोगों को खाना परोसा गया था. जांच के लिए इनके नमूने ले लिए गए हैं. आइआरसीटीसी के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक एमपी मल्ल ने कहा कि मामले की जांच के लिए कैटरिंग सेवाओं के निदेशक मुंबई रवाना हो गए हैं.

तेजस एक्सप्रेस शुरू होने पर इस ट्रेन में कैटरिंग सर्विस को लेकर तमाम दावे किए जा रहे थे. पूर्व रेल मंत्री सुरेश प्रभु के क्षेत्र में चलने वाली इस प्रीमियम ट्रेन में कैटरिंग के लिए खास इंतजाम करने का प्रचार किया जा रहा था. यात्रियों से अच्छा खासा कैटरिंग चार्ज भी लिया जा रहा है. एग्जीक्युटिव क्लास में कैटरिंग के लिए यात्रियों को अतिरिक्त 504 रुपये और एसी चेयरकार में 410 रुपये खर्च करने पड़ते हैं.