धनतेरस, दिवाली और कुबेर पूजा का ये हैं शुभ मुहूर्त , इस मंगल बेला में करें पूजा

नई दिल्ली: दिवाली पर पूजन तो ठीक है लेकिन जब पूजन शुभ मुहूर्त में हो मंगल बेला में हो तो धनतेरस हो या दिवाली लाभ तिगुना हो जाता है. शास्त्रियों के मुताबिक दीपोत्सव का महापर्व का 17 अक्टूबर 2017, मंगलवार से शुरू होगा.

यह दिन कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को धनवंतरी जयंती और भगवान कुबेर की पूजा अर्चना कर मनाया जाएगा. इसके बाद छोटी दीपावली, महालक्ष्मी पूजन, गोवर्धन पूजन और भाईदूज पर्व के साथ यह पर्व समाप्त होगा.

धनतेरस के दिन भगवान धनवंतरि की पूजा करने से मनुष्य को उत्तम स्वास्थ और दीर्घ आयु की प्राप्ति व कुबेर पूजन से ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है. दीपावली के मौके पर यदि इन खास मुहूर्त में पूजन किया जाता है तो पूरे साल पैसों की कोई कमी नहीं रहती-

इस वर्ष कार्तिक कृष्णपक्ष अमावस्या दिनांक 19 अक्टूबर 2017 को प्रदोषकाल में अमावस्या होने से इसी दिन दीपावली मनायी जाएगी.

लक्ष्मीपूजन प्रदोषयुक्त अमावस्या को स्थिरलग्न व स्थिरनवांश में किया जाना सर्वश्रेष्ठ होता है. इस वर्ष लक्ष्मीपूजन का समय इस प्रकार रहेगा.

अमावस्या सूर्योदय से मध्यरात्रि 12:41 तक रहेगी. दीपावली लक्ष्मी की उत्पत्ति तिथि व लक्ष्मी-कुबेर पूजन के लिए स्वयंसिद्ध समय है, अत: लक्ष्मी-कुबेर से संबद्ध मांगलिक कार्य इस दिन शुभ माने गये है.