राष्ट्रगान पर सुप्रीमकोर्ट ने दिया सख्त आदेश, पढ़िए 10 लाइनों में पूरा ऑर्डर

नई दिल्ली: सिनेमाघर में फिल्म से पहले राष्ट्रगान बजने से पहले के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रवैया अपनाया.  मंगलवार को कोर्ट ने जो कहा वो फर्जी और प्रतीकों पर आधारित राष्ट्रवाद को बेनकाब करने वाला है. प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड की तीन सदस्यीय खंडपीठ ने इस मामले पर सख्त रुख दिखाया..

  1. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि देशभक्ति साबित करने के लिए सिनेमाघरों में राष्ट्रगान के समय खड़ा होना जरूरी नहीं हैं.
  2. केन्द्र सरकार से कहा कि देश भर के सिनेमाघरों में राष्ट्रगान बजाने को नियंत्रित करने के लिए राष्ट्रीय ध्वज संहिता में संशोधन करने पर विचार करे.
  3. शीर्ष अदालत ने टिप्पणी की कि यदि कोई व्यक्ति राष्ट्रगान के लिए खड़ा नहीं होता है तो ऐसा नहीं माना जा सकता कि वह कम देशभक्त है.
  4. नागरिकों को समाज की नैतिक पहरेदारी की आवश्यकता नहीं है. अगली बार सरकार चाहेगी कि लोग सिनेमाघरों में टी शर्ट्स और शार्ट्स में नहीं जाएं क्योंकि इससे राष्ट्रगान का अपमान होगा.
  5. खंडपीठ ने कहा कि केन्द्र सरकार को सिनेमाघरों में राष्ट्रगान बजाने के बारे में उसके पहले के आदेश से प्रभावित हुए बगैर ही इस पर विचार करना होगा.
  6. इस मामले की सुनवाई के दौरान केन्द्र की ओर से अटार्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने कहा कि भारत एक विविधता वाला देश है साथ ही एकरूपता लाने के लिए सिनेमाघरों में राष्ट्रगान बजाना आवश्यक है.
  7. पीठ ने संकेत दिया कि वह एक दिसंबर, 2016 के अपने आदेश में सुधार कर सकती है इसी आदेश के तहत देशभक्ति और राष्ट्रवाद की भावना पैदा करने के मकसद से सिनेमाघरों में फिल्म के प्रदर्शन से पहले राष्ट्रगान बजाना और दर्शकों के लिये इसके सम्मान में खडा होना अनिवार्य किया गया था.
  8. न्यायालय ने कहा था कि जब राष्ट्रगान और राष्ट्रीय ध्वज के प्रति सम्मान दर्शाया जाता है, तो यह मातृभूमि के प्रति प्रेम और सम्मान को दर्शाता है.
  9.  न्यायालय ने सभी सिनेमाघरों में फिल्म का प्रदर्शन शुरू होने से पहले अनिवार्य रूप से राष्ट्रगान बजाने के निर्देश के लिए श्याम नारायण चोकसी की जनहित याचिका पर यह निर्देश दिए थे.
  10. वहीं शीर्ष अदालत ने सभी सिनेमाघरों में फिल्म शुरू होने से पहले राष्ट्र गान बजाने के लिये पिछले साल श्याम नारायण चोकसी द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान ये सख्त टिप्पणियां की.