ऐसे होता है राजनीति में धर्म का खेल, केजरीवाल को हुई फंसाने की कोशिश

नई दिल्ली: धर्म को राजनीति में कैसे घोलते हैं और कैसे धर्म को राजनीति में उभारा जाता है इसका सबसे ताज़ा उदाहरण केजरीवाल से जुड़ा है. एक नया संस्थान खड़ा किया गया है. चंदा बंद सत्याग्रह ( नो लिस्ट नो डोनेशन कैम्पेन) इस संगठन का किसी पार्टी या किसी हिंदूवादी संगठन से ऊपर से कोई कनैक्शन नहीं है. लेकिन खेल देखिए इस संगठन का एक प्रतिनिधिमंडल रविवार को दिल्ली के CM और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल के घर पहुंच गया.
नाम था चंदाबंद सत्याग्रह. मकसद था करप्शन को दूर करना. अंदर जाकर इस संगठन के सदस्यों ने उम्मीदवारों की अनदेखी का आरोप लगाया. चूंकि केजरीवाल से मिलने के लिए इन्हें इंतज़ार करना पड़ा तो बाहर आकर बयान दे दिया कि हम केजरीवाल को गीता भेंट करने गए थे . उन्होंने लौटा दी. इसके बाद ये हैडलाइन बनेगी और पूरे सोशल मीडिया पर शेयर की जाएगी. संगठन ने आरोप लगाया कि कि पंजाब में आप के 21 में से 9 उम्मीदवार पर गंभीर आरोप हैं. उनके खिलाफ रेप, मर्डर, किडनैपिंग और चोरी के आरोप हैं. और ये मसला उठाने के बहाने संगठन मतदान होने के बाद केजरीवाल के घर पहुंचा था.
रायजादा ने कहा, ‘इसका मकसद अरविंद केजरीवाल को गीता में दर्ज ‘कर्म’ के संदेश का अहसास दिलाना था. दागी उम्मीदवारों को खड़ा करके और दानकर्ताओं की लिस्ट छुपाकर आप के चंदा चोर गैंग पार्टी और जनता के लिए खराब कर्म करने में लग गए हैं.’