पाकिस्तान के जाल में फंस गया भारत? जाधव केस में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस की राय

नई दिल्ली: क्या कुलभूषण जाधव मामले में अंतर्राष्ट्रीय अदालत जाकर भारत ने गलती की है? क्या इससे पाकिस्तान को मौका मिल गया है कि वो कश्मीर मामले को लेकर उसी अदालत में जाए?  हो सकता है कि ये सवाल आपको चौंकाने वाले लगें. लेकिन सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस ने ये सवाल उठाए हैं.

प्रेस काउंसिल पूर्व चेयरमैन जस्टिस मार्कंडेय काटजू ने सोशल मीडिया पर लिखे अपने एक पोस्ट में कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान मिलिट्री कोर्ट द्वारा फांसी दिए जाने के फैसले के खिलाफ इंटरनेशनल कोर्ट जाने के भारत के फैसले पर चिंता जताई है.

अपने फेसबुक पोस्ट में काटजू ने कहा कि भारत ने पाकिस्तान को मौका दे दिया है कि वह कश्मीर मामले को सुलझाने के लिए इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस जा सकता है. काटजू के इस पोस्ट को पाकिस्तानी मीडिया ने हाथों हाथ लिया है.

उन्होंने लिखा, ‘पाकिस्तान बहुत खुश होगा कि हम एक व्यक्ति के लिए इंटरनेशनल कोर्ट चले गए. अब वे हर तरीके के मुद्दे को, खासतौर पर कश्मीर को अंतरराष्ट्रीय मचों पर उठा सकते हैं, जिसका कि हम लगातार विरोध करते रहे हैं. इंटरनेशनल कोर्ट जाकर शायद हमने पेंडोरा बॉक्स खोल दिया है.’

भारत ने पाकिस्तान को दिया मौका

अपनी पोस्ट में काटजू ने यह भी कहा है कि इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस के न्याय अधिकार पर पाकिस्तान की ओर से बहुत कम विरोध दर्ज कराया गया है, क्योंकि भारत ने उन्हें अन्य मुद्दों को इंटरनेशनल कोर्ट के सामने उठाने का मौका दे दिया है.

काटजू ने लिखा, ‘हम पाकिस्तान के झांसे में फंस गए हैं और उसे अन्य मुद्दों को खोलने का मौका दे दिया है. यही वजह है कि पाकिस्तान ने इंटरनेशनल कोर्ट के फैसले पर गंभीरता से विरोध नहीं दर्ज कराया है.’

ICJ पर सवाल उठाना होगा मुश्किल!

उन्होंने आगे कहा, ‘भारत अब आगे इंटरनेशनल कोर्ट के फैसले आपत्ति नहीं जता सकता, अगर पाकिस्तान कश्मीर मुद्दे को लेकर वर्ल्ड कोर्ट में जाता है. अब यह निश्चित है कि पाकिस्तान कश्मीर मुद्दे को सुलझाने के लिए आईसीजे जाएगा. और तब वर्ल्ड कोर्ट के अधिकार क्षेत्र पर आपत्ति जताने के लिए हमारे मुंह से ही झूठ निकलेगा. क्योंकि आप एक साथ सही और गलत नहीं हो सकते.’

बता दें कि इसी हफ्ते इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस ने कुलभूषण जाधव के मामले में भारत के पक्ष में फैसला सुनाते हुए जाधव की फांसी पर रोक लगा दी. जासूसी के आरोप में पाकिस्तान मिलिट्री कोर्ट ने जाधव को फांसी की सजा दी है. भारत ने पाकिस्तान के इस फैसले पर कड़ी आपत्ति जताई थी और जाधव के कथित गुनाह कबूल करने वाले वीडियो की प्रमाणिकता पर सवाल उठाया था. पाकिस्तान ने इस वीडियो को सबूत के तौर पर पेश किया था.