क्या जेठमलानी दूध पीते बच्चे हैं? मुवक्किलों की दी स्क्रिप्ट कोर्ट मे पढ़ देते हैं ?

नई दिल्ली:  जानेमाने वकील दिमाग के सबसे तेज़ माने जाने वाले राम जेठमलानी क्या कोर्ट में जाकर लिखी हुई स्क्रिप्ट पढ़ते हैं? क्या सचमुच वो एक-एक डायलॉग अपने मुवक्किल के द्वारा रटाई हुई भाषा और शैली में बोलते हैं? क्या वो इतने मासूम वकील हैं कि कोर्ट में जो चाहे मुवक्किल उनसे कहलवा ले? कोई दूसरा नहीं खुद राम जेठमलानी जो कह रहे हैं उससे यही सवाल उठ रहे हैं

आपको याद होगा कि राम जेठमलानी ने अरुण जेटली के मानहानि मामले में कहा था कि YOU ARE A CROOK AND I WILL PROVE IT ( अप हेराफेरी वाले आदमी हैं और में ये साबित कर दूंगा) जेटली ने इस पर एतराज़ जताया. उन्होने कहा कि वो केजरीवाल पर एक और केस करेंगे. क्योंकि ये भी मानहानि है.

उन्होंने कोर्ट में कहा कि क्या ये शब्द बोलने से पहले जेठमलानी ने केजरीवाल से इजाजत ली थी जिनके वो वकील हैं. जाहिर बात है ये एक ऐसा डायलॉग था जो बातचीत के बीच में निकला. जोश में कही गई बात थी ये.

मज़ेदार बात ये रही कि केजरीवाल ने मुसीबत से पल्ला झाड़ते हुए कहा कि उनहोंने ये शब्द बोलने के लिए राम जेठमलानी से नहीं कहा था. इसके बाद जेठमलानी तिलमिला गए. उन्होंने गुस्से में केजरीवाल का केस छोड़ दिया ऊपर से अरुण जेटली को चिट्ठी लिखकर ट्वीट कर दिया कि ये सब उन्होंने केजरीवाल के कहने पर कहा.

राम जेठमलानी ने दावा किया है कि वित्त मंत्री अरुण जेटली के खिलाफ अपमाजनक शब्दों का इस्तेमाल करने की नसीहत खुद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दी थी. जेठमलानी ने आरोप लगाया कि केजरीवाल ने कई बार वित्त मंत्री के खिलाफ गलत शब्द बोले  हैं.

गौरतलब है कि जेठमलानी ने 20 जुलाई को खत लिखकर सूचना दी थी कि वे अब मानहानि मामले में सीएम केजरीवाल की पैरवी नहीं करेंगे. दरअसल जेठमलानी दिल्ली के सीएम से इस बात पर खफा हैं कि उन्होंने कोर्ट में कहा है कि जेटली के खिलाफ अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल उनके वकील (राम जेठमलानी) ने अपनी तरफ से किया.

केजरीवाल को लिखे खत में जेठमलानी ने कहा, ‘जब अरुण जेटली ने पहला मुकदमा दायर किया था, आप मेरे पास पैरवी कराने के लिए आए. आप खुद से पूछें कि आपने कितनी बार जेटली के लिए गलत शब्दों का इस्तेमाल किया.’

केजरीवाल ने DDCA (दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ) घोटाले में जेटली पर आरोप लगाए थे, जिसके बाद उनके खिलाफ 10 करोड़ की मानहानि का मुकदमा दायर किया गया. सीएम केजरीवाल को जेठमलानी ने खत में लिखा, ‘आपने मुझे सैंकड़ो बार जेटली को सबक सिखाने को कहा. पिछले कुछ हफ्तों में आप मुझसे बहुत कम वक्त के लिए मिले. जबकि आपके सहयोगी राघव चड्ढा और एडवोकेट अनुपम श्रीवास्तव इस मामले में मुझे विवरण देते रहे हैं.’

वहरहाल मामला बेहद रोचक है. लगता है जेटली के मामले में केजरीवाल और जेठमलानी दोनों बेहद सावधान हैं. ज़रूर कुछ ऐसा है जम हम नहीं समझ पा रहे. सच भी दो ही पक्ष जानते हैं एक जेठमलानी और दूसरे केजरीवाल और उनके वकील.