अच्छे दिन : इंडिया छोड़कर भाग रहे हैं लोग, 48 लाख लोग लाइन में

नई दिल्ली: ये आंकड़े हो सकता है आपको चोंकाएं लेकिन ये संयुक्त राष्ट्र के आंकड़े हैं. यूएन की एक रिपोर्ट के मुताबिक तो करीब 48 लाख भारतीय विदेश में बसने के लिए लाइन में खड़े हैं. इनमें से 35 लाख लोग ऐसे हैं, जो अपनी योजना बना चुके हैं जबकि 13 लाख भारतीय विदेश जाने का सपना आंखों में लिए तैयारियों में जुटे हुए हैं. यूनाइटेड नेशन की प्रवासन एजेंसी अंतरराष्ट्रीय प्रवास संगठन (आईओएम) की रिपोर्ट भारत के लिए खतरे की घंटी है.

अपने देश को नापसंद करने के मामले में 51 लाख लोगों के साथ नाइजीरिया का नंबर पहला है इसके बाद 48 लाख लोगों के साथ भारत का नंबर है. इस रपट के मुताबिक 1.3 फीसदी या 6.60 करोड़ लोग अगले 12 महीने में स्थायी तौर पर दूसरे देश में बसने को तैयार हैं.

सिर्फ भारतीयों के लिए ही नहीं बल्कि अन्य देशों के वयस्कों के लिए भी पहली पसंद अमेरिका और ब्रिटेन है. इन देशों के बाद लोग सऊदी अरब, फ्रांस, कनाडा, जर्मनी और दक्षिण अफ्रीका में बसना पसंद करते हैं.

किसी दूसरे देश में बसने की योजना बनाने वालों में से आधे लोग सिर्फ 20 देशों में रहते हैं. इसमें पहले नबंर पर नाइजीरिया और दूसरे नंबर पर भारत है. इसके बाद कांगो, सूडान, बांग्लादेश और चीन का नंबर आता है. पश्चिम अफ्रीका, दक्षिण एशिया और उत्तर अफ्रीका ऐसे क्षेत्र हैं, जहां सबसे अधिक लोगों के प्रवास करने की संभावना है.

दूसरे देशों में बसने की योजना बनाने वाले ज्यादातर लोगों में पुरुष, युवा, अविवाहित, ग्रामीण इलाकों में रहने वाले और कम से कम माध्यमिक शिक्षा हासिल करने वाले वयस्क हैं.

रिपोर्ट के अनुसार विकासशील देशों में हर तीसरा व्यक्ति विदेश में बसने की चाहत रखता है. आंकड़ों की मानें तो करीब 2.3 करोड़ लोग गंभीरता से इस तैयारी में लगे हुए हैं.

एक तरफ बड़े बड़े सपने हैं . बड़ी बड़ी बातें हैं उभरती हुई अर्थव्यवस्था की बात की जा रही है और रोजगार बढ़ाने के झूठे वादे हैं. दूसरी तरफ रियलिटी खतरनाक है. जिसका भी वश चल रहा है वो देश छोड़कर जाना चाहता है.  लगभग भगदड़ जैसे हालात हैं और भारत क्राइम से परेशान नाइजीरिया के बाद अपने देश को छोड़कर जाने वालों की सबसे ज्यादा संख्या रखता है.