जेटली: किसानों के कर्ज माफ करने को एक पैसा भी नहीं देगी मोदी सरकार, जिसे माफ करना है अपनी जेब से करे

नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने किसानों द्वारा कर्जमाफी की बढ़ रही मांगों पर सोमवार को कहा कि इसके लिए राज्यों को अपने संसाधनों से कोष का इंतजाम करना होगा. वित्त मंत्री ने ऐसा कहकर एक तरह से इस संदर्भ में केंद्र द्वारा किसी भी मदद को खारिज कर दिया है.

संवाददाताओं द्वारा यह पूछे जाने पर कि किसानों की कर्जमाफी के लिए क्या केंद्र सरकार राज्यों की मदद करेगी, जेटली ने कहा, “मैं इस मुद्दे पर अपना रुख पहले ही स्पष्ट कर चुका हूं. जो राज्य इस तरह की योजनाओं को आगे बढ़ाना चाहते हैं, उन्हें अपने संसाधनों से इसके लिए धन की व्यवस्था करनी होगी. इसके अलावा, केंद्र सरकार की तरफ से मुझे कुछ नहीं कहना है.”

वित्त मंत्री ने फंसे हुए कर्ज (बैड लोन) की बड़ी समस्या पर सार्वजनिक क्षेत्रों के बैंकों के प्रमुखों के साथ सुबह चर्चा करने के बाद यह बात कही. किसानों की कर्जमाफी तथा अन्य मांगों को लेकर 10 दिवसीय हड़ताल के मद्देनजर महाराष्ट्र ने रविवार को लघु एवं सीमांत किसानों का कर्ज माफ करने की घोषणा की.

इसी तरह, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कृषि ऋणों की माफी की मांग पर गौर करने का वादा किया है. इस साल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा उत्तर प्रदेश में भारी जीत दर्ज करने के फौरन बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने किसानों के 30,000 करोड़ रुपये से अधिक के कर्ज को माफ कर दिया.

इससे पहले बीजेपी की इसी सरकार पर 1.10 लाख करोड़ रुपए का उद्योगपतियों का कर्ज माफ करने का आरोप लगा था. लेकिन गैस पर सब्सिडी हो, खाद पर सब्सिडी हो , या किसानों की कर्ज माफी का मामला. केन्द्र सरकार ऐसे ही सख्ती का रवैया अपनाती है.