अपने पैर पर कुल्हाड़ी मार रहा है चुनाव आयोग, हैकिंग साबित करना हो जाएगा बेहद आसान

नई दिल्ली: ईवीएम मुद्दे पर राजनीतिक दलों के निशाने पर आया चुनाव आयोग काफी खफा है. चुनाव आयोग ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर कहा है कि उसे बेकार में बदनाम करने वालों पर मानहानि की कार्रवाई का अधिकार दिया जाए. इस पर कानून राज्य मंत्री पीपी चौधरी ने कहा कि “हमारे सामने जब भी EC की चिट्ठी रखी जायेगी तो सरकार चुनाव आयोग की मांगों पर विचार करेगी.”

ऐसा बयान देकर सरकार ने चुनाव आयोग को मानहानि की कार्रवाई करने का अधिकार देने के पक्ष में लग रही है. लेकिन जानकारों का मानना है कि ऐसा करके चुनाव आयोग कई मामलों में अपने हाथ कटवा लेगा. खास तौर पर ईवीएम जैसे मामलों में आयोग अगर मानहानि की कार्रवाई करता है तो उसका फंसना तय है.

जानकार कहते हैं कि ईवीएम मामले में अभी आखिरी फैसला चुनाव आयोग के हाथ में है. उसके ऊपर सिर्फ सुप्रीम कोर्ट है. लेकिन मानहानि के मामले में ऐसा नहीं होगा. अगर कोई पार्टी आरोप लगाती है और उस पर मानहानि का केस किया जाता है तो आरोप लगाने वाले को ये हक होगा कि वो अपने आरोपों को सिद्ध कर सके. ईवीएम मामले में अगर देखें तो इस तरह का मुकदमा होने पर आम आदमी पार्टी को ये अधिकार होगा कि अदालत के सामने वो ईवीएम को हैक करके दिखा सकें. उस हालत में चुनाव आयोग की शर्तें भी नहीं चलेंगी.

कानून के जानकार कहते हैं कि चुनाव आयोग ये गलती कभी नहीं करेगा वो सिर्फ जनता की नजर में अपनी छवि को निर्विवाद बनाने के लिए इस तरह के पत्र लिख रहा है.