लो जी अच्छे दिनों के नाम पर आ गया बुरे दिनों का छोटा भाई, ऐसे कटेगी ग्राहक की जेब

नई दिल्ली : भारतीय अर्थ व्यवस्था में बदलावों के बाद अच्छे दिन बार बार रूप बदलकर आते हैं और अचानक बुरे दिन बनकर लोगों को डरा देते हैं . रावण की तरह जब वो साधु बनकर आया और सीता के लक्षमण रेखा से बाहर आते ही राक्षस बन गया. अच्छे दिनों का नकाब पहनकर बुरे दिनों का छोटा भाई अब फिर सामने आया है.

आपका भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के 5 पूर्व सहयोगी बैंकों में अकाउंट जिनके अकाउंट हैं उन्हें ये तथाकथित अच्छा दिन चूना लगाने आया है. एसबीआई ने 5 पूर्व सहयोगी बैंकों और भारतीय महिला बैंक के ग्राहकों से अनुरोध किया है कि यदि उन्होंने SBI की नई चेक बुक के लिए आवेदन नहीं किया है तो तुरंत करें, क्योंकि पुरानी चेक बुक और IFS कोड 30 सितंबर के बाद अमान्य हो जाएंगे.

देखने में आपको ये नियम सादा लगता है . सिर्फ चेक ही तो बदलने हैं लेकिन स्टेट बैंक के चेक बुक के नियम आपको डरा देंगे. अब तक आपके पास जो चेकबुक थीं वो तो रद्दी हो जाएंगी और नयी चेकबुक से जैसे ही आप एक हद से ज्यादा चेक काटेंगे पैसे देने होंगे. क्योंकि एसबीआई में एक सीमा से ज्यादा चेक लेने पर भुगतान देना होता है.

हाल ही में तरह तरह के चार्ज लगाकर एसबीआई के मोटी रकम वसूलने की खबरें सबने देखी हैं.  बहरहाल SBI ने ग्राहकों से कहा है कि वो नई चेक बुक के लिए इंटरनेट बैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग, ATM या फिर शाखा में जाकर तुरंत आवेदन करें. पहली अप्रैल 2017 से SBI में स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर (SBBJ), स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद (SBH), स्टेट बैंक ऑफ मैसूर (SBM), स्टेट बैंक ऑफ पटियाला (SBP), स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर (SBT) और भारतीय महिला बैंक का विलय मंजूर हो चुका है.