नीरव मोदी घोटाले के पर जेटली का बयान, नेताओं को दोष देना ठीक नहीं

नई दिल्ली : 70 साल से हर घोटाले पर नेताओं का इस्तीफा मांगती आ रही बीजेपी को नया गुरु मिल गया है. इस गुरु का नाम है नीरव मोदी. अब पार्टी का कहना है कि नेताओं की नहीं रेग्युलेटर की गलती है. उन्होंने कहा कि बैंकों में सामने आ रही धोखाधड़ी के लिए नेताओं को जवाबदेह माना जाता है. कोई भी रेग्युलेटर को दोषी नहीं मानता है. उन्होंने एक बार फिर रेग्युलेटर्स (नियामकों) और ऑडिटर्स को जिम्मेदार ठहराया.

लेकिन जब क्रेडिट लेने की बात आती है तो नेता बेहद जिदी होते है. नोटबंदी करने से पहले रेग्युलेटर की कोई सुनने को तैयार ही नहीं था. यही नेता अलग अलग बैंकों में अपने नॉमिनी भी रखते हैं लेकिन घोटाले पर निर्दोष कैसे हो सकते हैं. अगर नेताओं का दोष नहीं होता तो 70 साल से क्यों नेता जिम्मेदार हुआ करते थे ?

बता दें कि पीएनबी के 11,356 करोड़ रुपए के घोटाले के बाद रोटोमैक और अब ओबीसी बैंक में 389 करोड़ की हेराफेरी सामने आई है.

आपको बता दें कि वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शनिवार को चौथे ग्लोबल समिट में कहा कि रेग्युलेटर्स का रोल अहम होता है. वे बिजनेस रूल बनाते हैं. उन्हें अपनी तीसरी आंख खोल कर रखनी चाहिए, जिससे सभी पर नजर रखी जा सके. किसी बैंक की कोई ब्रांच में घोटाला होता है, तो वे इससे जुड़ी कोई जानकारी नहीं दे पाते. क्या ये देश के लिए चिंताजनक नहीं होगा.”

कल मोदी ने पीएनबी घोटाले का नाम लिए बगैर बयान दिया था आज जेटली भी नाम लिए बगैर बोले ” पीएनबी फ्रॉड का नाम लिए बिना कहा कि इस मामले में भी अफसरों और ऑडिटर्स की अनदेखी की गई. यह बेहद चिंताजनक है. बिजनेस फेल होने और बैंक घोटालों के मामले से जानबूझकर लोन न चुकाने के मामले ज्यादा हैं. अगर ऐसे ही मामले लगातार होते रहे तो ईज ऑफ डूइंग बिजनेस का हमारा प्रयास बेकार साबित होगा. इसका असर देश की अर्थव्यवस्था पर भी पड़ेगा.”

पहले जेटली ने मैनेजमेंट को ठहराया था जिम्मेदार

इससे पहले जेटली ने कहा था कि इतना बड़ा बैंक घोटाला बैंक मैनेजमेंट की नाकामयाबी है. फिलहाल इस मामले में जो भी दोषी हैं, उन्हें सजा मिलेगी. बैंकों का पैसा लूटकर देश छोड़ चुके लोगों को सजा देकर ऐसे मामले में उदाहरण पेश करने की जरूरत है.

सुपरवाइजरी एजेंसियों को इस मामले में आत्मविश्‍लेषण करने की जरूरत है. ऐसे मामले बिना बैंक मैनेजमेंट की लापरवाही के नहीं हो सकते हैं. यह ऑडीटर्स और मैनेजमेंट का फेल्योर है.

कांग्रेस ने कहा रेग्युलेटर्स को जिम्मेदार ठहराना गलत

कपिल सिब्बल ने जेटली के बयान पर कहा कि सरकार रेग्युलेटर्स को क्यों दोषी ठहरा रही है? इन बैंको में तैनात फाइनेंस मिनिस्ट्री के नॉमिनी सदस्य क्या कर रहे थे? इस मामले की जांच होनी चाहिए. लोगों को पता है कि रेग्युलेटर्स जिम्मेदार हैं.

सिब्बल ने कहा कि मोदी विश्व के सबसे महंगे चौकीदार हैं.

मोदी जी हमेशा कांग्रेस को 2G घोटाले को लेकर घेरते हैं. ये मनगढ़ंत आरोप थे. जिन्हें कोर्ट ने निराधार बताया और कहा कि 2G घोटाला हुआ ही नहीं.